जरा सी बारिश, तेज हवाएं चलने मात्र से बिजली बंद हो जाती है। ऐसे में कई बार उपभोक्ता बिजली कंपनी को कौसते है। इस बात की जानकारी कम उपभोक्ताओं को है कि बिते सात दिन में तीन बार तो सांप, मोर भी बिजली लाइन के फाल्ट का कारण बने है।
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रतलाम. जरा सी बारिश, तेज हवाएं चलने मात्र से बिजली बंद हो जाती है। ऐसे में कई बार उपभोक्ता बिजली कंपनी को कौसते है। इस बात की जानकारी कम उपभोक्ताओं को है कि बिते सात दिन में तीन बार तो सांप, मोर भी बिजली लाइन के फाल्ट का कारण बने है। अब कंपनी ने उपभोक्ताओं को धैर्य रखने की सलाह दी है।
IMAGE CREDIT: patrika स्थानीय बिजली केंद्रों से घर तक बिजली लगभग दो से चार किमी दूर से आती है। ऐसे में कही कोई पक्षी, सांप, गिलहरी, कबूतर, चमगादड़, तोते से भी कई बार हो जाते है। कई बात तो इन जीवों के मलमूत्र के कारण दो तार आपस में संपर्क में आ जाते है, जिससे ट्रांजिंट ट्रिपिंग हो जाती है। घर का पंखा पूरी तरह घूमना बंद नहीं होता है, उससे पहले वाट्सएप, ट्वीटर, या अन्य माध्यमों से बिजली जाने की सूचना दे दी जाती है, जबकि ऐसे ट्रिपिंग में अधिकतम दो, तीन मिनट मे बिजली प्रदाय सामान्य हो जाता है। पतंग की डोर, पेड़ों की टहनियां, होर्डिंग्स, त्रिपाल, चद्दर इत्यादि बारिश के दिनों में तार के पास आने पर भी फाल्ट हो जाते है।
IMAGE CREDIT: patrikaइसलिए भी बंद होती है सप्लाय कंपनी के अनुसार इसके अलावा बहुत तेज हवा या बारिश में कुछ समय के लिए जान माल की रक्षा के लिए भी बिजली केंद्र से प्रवाह बंद किया जाता है, ताकि लाइनों को नुकसान न पहुंचे यादि कही कोई तार टकरा जाए या दुर्भाग्यवश टूट जाए तो किसी को जान पर खतरा न आए।
IMAGE CREDIT: patrikaसांप, मोर से भी फाल्ट मालवा और निमाड़ में वर्ष में लगभग 100 से ज्यादा बार मात्र सांप के कारण फाल्ट होते है। कई बार पांच से सात फीट के सांप ग्रिड, ट्रांसफार्मर पर चढ़ जाते है, जिनके दो सिरे अलग अलग जगह होने से फाल्ट हो जाते है। पिछले एक सप्ताह में ही दो बड़े फाल्ट सांप के कारण हुए है। रतलाम, मंदसौर, नीमच जिले में भी ऐसे फाल्ट सामने आते है, कई बार मोर भी तारों के संपर्क में आ जाता है।बिते सप्ताह ही रतलाम में दो बार बिजली में फाल्ट सांप व मोर के कारण हुए है।
उपभोक्ताओं से अनुरोध बिजली कंपनी ने उपभोक्ताओं से अनुरोध किया हैं कि यदि नेटवर्क बंद है, या फिर किसी मजबूरी, आपतकालीन इंतजाम के लिए बंद किया है तो कुछ समय इंतजार करे। कई बार पांच सात किमी दूर मौसम बिगड़ जाता है, ऐसे में 33 केवी, 11 केवी के फीडर कुछ मिनट के लिए मजबूरीवश बंद करना होते है। लोग अतिक्रमण कर पानी का बहाव अवरूद्ध कर देते है, कई बार बारिश के दौरान ग्रिड के पास बहुत पानी भराने से भी सुरक्षा कारणों से बिजली बंद की जाती है। बिजली बंद करने में कंपनी का ही नुकसान है, लेकिन संसाधन एवं जानमाल की सुरक्षा के लिए मजबूरी वश बिजली बंद करना ही होती है। सिर्फ एक उपभोक्ता के घर की ही बिजली बंद होने पर काल सेंटर 1912, ऊर्जस एप के अलावा लोकल जोन, वितरण केंद्र के नंबर पर शिकायत दर्ज की जाए।
कम समय में सामान्य का प्रयास तेज बारिश, आंधी के कारण कई बार बिजली प्रदाय अवरूद्ध हो जाता है। कुछ मिनट बाद स्थिति सामान्य कर दी जाती है। जीव जंतुओं के कारण भी कई बार फाल्ट देखे गए है। बिजली कंपनी के कर्मचारी अधिकारी जहां भी आपूर्ति प्रभावित होती है, वहां कम समय में स्थिति सामान्य करने का प्रयास करते है।