नामली थाना पुलिस ने इस घटना के संबंध में गुरुवार रात हत्या का प्रकरण दर्ज किया और मामले की जांच शुरू कर दी। पुलिस के अनुसार यह घटना २० अक्टूबर २०१८ की रात की है। नामली के स्टेशन रोड क्षेत्र में रहने वाली ९० रेशमबाई वर्मा २१ अक्टूबर को सुबह घर में मृत मिली थी। महिला के पैर में पहने कडे़ भी नहीं मिले थे। एेसे में मामला हत्या व लूट का नजर आ रहा था लेकिन शरीर पर चोट के निशान नजर नहीं आने से पुलिस ने शव का पीएम कराकर विसरा जांच के लिए भेजा था। हालही में दोनों रिपोर्ट आने के बाद पुलिस ने मामले में कायमी की।
बेटे ने देखा था
घटना का खुलासा अगले दिन सुबह रेशमबाई के बेटे राजू वर्मा के द्वारा मां को चाय देने के लिए जाने पर हुआ। उसने देखा की मां उठ नहीं रही है और पैर में पहने चांदी के दो कड़े भी गायब है। सूचना पर पुलिस जांच के लिए पहुंची थी। इस दौरान पुलिस ने बेटे से संघनता से पूछताछ की थी। इसके साथ ही राजू ने कुछ लोगों पर आरोप लगाया था, जिसके चलते पुलिस ने उन लोगों को पकड़ उनसे भी पूछताछ की लेकिन मामले का खुलासा नहीं हो सका था। इस बीच जांच रिपोर्ट आने पर मौत मारपीट की चोट में पसलिया टूटने से होना पाई गई।
अज्ञात के खिलाफ की कायमी
पुलिस ने इस मामले में हत्या का प्रकरण अज्ञात आरोपियों के खिलाफ दर्ज कर मामले की जांच नए सिरे से शुरू कर दी है। पुलिस अब फिर से कुछ लोगों से पूछताछ कर आरोपियों तक पहुंचने का प्रयास करने में लगी है। पुलिस की माने तो वह जल्द ही इस मामले की गुत्थी को सुलझा लेगी। फिलहाल कई पहलुओं पर मामले की जांच की जा रही है। उसमें जो भी तथ्य निकलकर सामने आएंगे, उनके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
१९ फीट की गली को आठ फीट रख दिया, अब तोड़े अतिक्रमण
रतलाम। दीनदयालनगर सी सेक्टर में १९ फीट की सड़क को लोगों ने अपने घरों के सामने अतिक्रमण करके उसे आठ फीट कर दिया। अब जब सड़क बनाने की शुरुआत हुई तो लोगों को अपने अतिक्रमण तोडऩा पड़े। खुद के अतिक्रमण तोड़कर लोगों ने अपने आप को सड़क बनाने में सहयोग करने के रूप में पेश किया। कालोनी की गली में नपती करने के बाद लोगों ने अपने-अपने घरों के बाहर किए गए अतिक्रमण पर खुद ही हथौड़ा चलाकर उन्हें तोड़ा। उधर क्षेत्र से निर्दलीय के रूप में चुने गए पार्षद महेंद्रसिंह चंद्रावत के अनुसार उनके वार्ड में यह काम हो रहा है लेकिन कितने का हो रहा है यह नगर निगम इंजीनियर को ही पता होगा।
दीनदयालनगर के मुख्य मार्ग को छोड़कर पीछे की गलियों की हालत यह है कि इनकी चौड़ाई नक्शे में चाहे कितनी भी हो किंतु एक बात जरुर यहां देखने को मिली है कि हर एक मकान मालिक ने अतिक्रमण करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। किसी ने दो तो किसी ने पांच फीट तक अपने घर के सामने निर्माण कर लिए। यह कॉलोनी मप्र गृह निर्माण मंडल ने काटी थी। अब यह नगर निगम में हैंडओवर हो चुकी है। इसके बाद यहां सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। इस कॉलोनी की अन्य गलियों की हालत भी कुछ इसी तरह की है। वहां से चार पहिया वाहन निकालने में भी परेशानी खड़ी हो सकती है।