गरीबों के हक की राशि पर डाका डालने वाले इन लोगों से वसूली किए जाने के साथ ही इनके खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट भी दर्ज कराई जाने के निर्देश तत्कालीन कलेक्टर व एडीएम ने दिए थे, लेकिन आज तक वसूली व रिपोर्ट लिखाना तो दूर निगम इन लोगों को नोटिस देने में भी कतरा रहा है। इसके पीछे कारण जिन लोगों के इनमें नाम शामिल है, उनमें कुछ कर्मचारी व जनप्रतिनिधि भी इसमें शामिल होना बताए जा रहे है, जिसके चलते निगम के अधिकारी स्वयं ही इन लोग को बचाने का प्रयास करने में जुटे हुए।
तीन हजार नाम हुए थे उजागर
मामले की जांच के दौरान शुरुआती दौर में करीब तीन हजार लोगों के नाम से विधवा पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन, विकलांग पेंशन सहित अन्य सभी प्रकार की पेंशन गलत तरीके से दिए जाने की बात सामने आई थी। इसकी जानकारी तत्कालीन कलेक्टर बी. चंद्रशेखर को मिलने के बाद उनके द्वारा मामले की जांच कराई गई तो करीब १२०० परिवार एेसे निकले, जिनके खातों में जान बूझकर या गलत तरीके से पेंशन की राशि डाली गई थी, इन अपात्रों से वसूली के लिए कलेक्टर ने तत्कालीन एडीएम डॉ. कैलाश बुंदेला को निर्देश भी दिए थे।
मामले की जांच के दौरान शुरुआती दौर में करीब तीन हजार लोगों के नाम से विधवा पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन, विकलांग पेंशन सहित अन्य सभी प्रकार की पेंशन गलत तरीके से दिए जाने की बात सामने आई थी। इसकी जानकारी तत्कालीन कलेक्टर बी. चंद्रशेखर को मिलने के बाद उनके द्वारा मामले की जांच कराई गई तो करीब १२०० परिवार एेसे निकले, जिनके खातों में जान बूझकर या गलत तरीके से पेंशन की राशि डाली गई थी, इन अपात्रों से वसूली के लिए कलेक्टर ने तत्कालीन एडीएम डॉ. कैलाश बुंदेला को निर्देश भी दिए थे।
परिवार सहायता में भी था फर्जीवाड़ा
पेंशन घोटाले के साथ ही राष्ट्रीय परिवार सहायता में भी फर्जीवाड़ा उजागर हुआ था। पेंशन घोटाले की प्रारंभिक जांच के दौरान बड़ी-बड़ी गड़बडि़यां उजागर होने लगी थी। इसमें पुरुषों को विधवा बताकर उनके नाम पर भी योजना के तहत खातों से राशि निकाले जाने की बात सामने आई थी। इन सभी मामलों में कलेक्टर ने दोषियों से वसूली कर उनके खिलाफ एफआईआर कराने के निर्देश दिए थे, जिन पर आज तक अमल नहीं हो सका है।
पेंशन घोटाले के साथ ही राष्ट्रीय परिवार सहायता में भी फर्जीवाड़ा उजागर हुआ था। पेंशन घोटाले की प्रारंभिक जांच के दौरान बड़ी-बड़ी गड़बडि़यां उजागर होने लगी थी। इसमें पुरुषों को विधवा बताकर उनके नाम पर भी योजना के तहत खातों से राशि निकाले जाने की बात सामने आई थी। इन सभी मामलों में कलेक्टर ने दोषियों से वसूली कर उनके खिलाफ एफआईआर कराने के निर्देश दिए थे, जिन पर आज तक अमल नहीं हो सका है।