कलेक्टर कार्यालय पहुंची खातीपुरा निवासी रेखाबाई पति रामेश्वर ने बताया कि उसके पति रामेश्वर को वर्ष २०१८ में देहांत हो गया था। उसके बाद उसने शासन की विधवा पेंशन योजना का लाभ लेने के लिए नगर निगम के संबंधित विभाग में पहुंचकर आवेदन किया तो उनके द्वारा आज तक पेंशन चालू नहीं की गई। पेंशन नहीं मिलने के बारे में जब वह कुछ माह बात जानकारी लेने के लिए फिर से निगम पहुंची तो उसे बताया गया कि समग्र आईडी में रेखाबाई का नाम ही है, वह मर चुकी है। पीडि़ता ने जब अधिकारियों के सामने खड़ा होकर स्वयं का जिंदा होना बताया तो वहां उसकी सुनवाई नहीं हुई और कागज में जिंदा होने की बात कही गई।
आवेदन पर भी नहीं सुनवाई निगम में मौजूद विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा दी गई जानकारी के बाद पीडि़ता ने कागजों में खुद को जिंदा करने के लिए भी आवेदन दिया लेकिन असल में आज तक जिंदा होने के बाद भी वह कागजों में जिंदा नहीं हो सकी। बीते दो वर्षों में निगम के चक्कर काटकर जब वह परेशान हो गई तो कलेक्टर कार्यालय पहुंची लेकिन उसे यहां भी मिली तो सिर्फ तारीख। इतना ही नहीं यदि दो सप्ताह या 15 दिन में काम नहीं हो तो एक मंगलवार छोड़ कर अगले मंगलवार को फिर से आने की सलाह भी साहब ने दी है, जिससे दु:खी होकर पीडि़ता यहां से भी लौट गई।