डीआरएम कार्यालय से डाट की पुलिया
डीआरएम कार्यालय के सामने दो बत्ती वाले हिस्से से लेकर डाट की पुलिया तक सड़क चौड़ीकरण और बिजली लाइन शिफ्टिंग की जाना है। साथ ही चौराहे पर जितने भी बिजली के खंभे और लाइनें आ रही है सभी को स्थानांतरित कर चौराहे से दूर या ऐसी जगह लगाया जाएगा जहां भविष्य में कोई दिक्कत नहीं हो सके। चौराहे से न्यू रोड और गुजरात स्वीट्स की तरफ भी बिजली के खंभे हैं जिन्हें हटाया जाना प्रस्तावित हैं।
डीआरएम कार्यालय के सामने दो बत्ती वाले हिस्से से लेकर डाट की पुलिया तक सड़क चौड़ीकरण और बिजली लाइन शिफ्टिंग की जाना है। साथ ही चौराहे पर जितने भी बिजली के खंभे और लाइनें आ रही है सभी को स्थानांतरित कर चौराहे से दूर या ऐसी जगह लगाया जाएगा जहां भविष्य में कोई दिक्कत नहीं हो सके। चौराहे से न्यू रोड और गुजरात स्वीट्स की तरफ भी बिजली के खंभे हैं जिन्हें हटाया जाना प्रस्तावित हैं।
त्वरित निराकरण की कवायद
निगम सूत्र बताते हैं कि निगम भी फिलहाल चौराहे की चौड़ाई को लेकर त्वरित निराकरण की कवायद में निगम जुटा हुआ है। अभी पूरा जोर खंभों, ट्रांसफार्मर और बिजली लाइन को हटाने पर ही जोर दे रहा है जबकि भविष्य में यदि यहां और चौडाई की जरुरत हो तो फिर नए सिरे से कवायद करना पड़ सकती है। दो बत्ती चौराहे पर डीआरएम कार्यालय की तरफ वाले हिस्से में बहुत कम जगह होने और कर्व काफी तेज होने से ये खंभे हटाए जाना हैं।
निगम सूत्र बताते हैं कि निगम भी फिलहाल चौराहे की चौड़ाई को लेकर त्वरित निराकरण की कवायद में निगम जुटा हुआ है। अभी पूरा जोर खंभों, ट्रांसफार्मर और बिजली लाइन को हटाने पर ही जोर दे रहा है जबकि भविष्य में यदि यहां और चौडाई की जरुरत हो तो फिर नए सिरे से कवायद करना पड़ सकती है। दो बत्ती चौराहे पर डीआरएम कार्यालय की तरफ वाले हिस्से में बहुत कम जगह होने और कर्व काफी तेज होने से ये खंभे हटाए जाना हैं।
भेज रहे हैं पत्र निगम की तरफ से दो बत्ती चौराहे से जो खंभे और ट्रांसफार्मर हटाए जाना है उसका पत्र बिजली कंपनी को भेजा जा रहा है। इस बारे में चर्चा हो चुकी थी किंतु कुछ और काम इसमें जुड़ जाने से नए सिरे से पत्र तैयार किया जा रहा है। एक-दो दिन में पत्र बिजली कंपनी को पहुंच जाएगा। इस काम को हम प्राथमिकता से कर रहे हैं।
सत्यप्रकाश आचार्य, उपयंत्री बिजली विभाग, नगर निगम
सत्यप्रकाश आचार्य, उपयंत्री बिजली विभाग, नगर निगम
पत्र मिलने के बाद बने एस्टीमेट नगर निगम को हम दूरभाष पर भी जानकारी दे चुके हैं कि पत्र भेजे जिससे एस्टीमेट तैयार किया जा सके। अब तक निगम की तरफ से कोई पत्र नहीं मिला है इसलिए कितना काम कराया जाना है और क्या-क्या हटाया जाना है यह तय नहीं है। जो प्रारंभिक अनुमान है उसके अनुसार इस कार्य पर १५ से २० लाख रुपए खर्च होने की संभावना है।
दधिची रेवडिय़ा, कार्यपालन यंत्री मप्रपक्षेविवि, कंपनी रतलाम
दधिची रेवडिय़ा, कार्यपालन यंत्री मप्रपक्षेविवि, कंपनी रतलाम