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रैंकिंग सुधारी, मगर नहीं हटा फिसड्डी का तमगा: जाने क्यों पीछे रह जाती है वसूली में निगम

locationरतलामPublished: Mar 07, 2019 05:16:37 pm

Submitted by:

Yggyadutt Parale

रैंकिंग में सुधारी, मगर नहीं हटा फिसड्डी का तमगा: जाने क्यों पीछे रह जाती है वसूली में निगम

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रैंकिंग सुधारी, मगर नहीं हटा फिसड्डी का तमगा: जाने क्यों पीछे रह जाती है वसूली में निगम

रतलाम। नगर निगम को जलकर व प्रापर्टी कर वसूलने में लक्ष्य ५० प्रतिशत का दिया गया। लेकिन ये अब तक ५० प्रतिशत वसूली भी नहीं कर पाए है। वित्तीय वर्ष २०१८-१९ की वसूली के लिए ये माह अंतिम है। इसके बाद नया वित्तीय वर्ष शुरू हो जाएगा। इस वसूली के लिए निगम ने शिविर की शुरुआत तो की है, लेकिन इसमे भी बेहतर रुझान नहीं मिल रहे है।

बता दे कि नगर निगम में प्रापर्टी व जलकर वसूली के लिए अलग-अलग करीब १२-१२ करोड़ रुपए का लक्ष्य तय है। लेकिन इस मामले में अब तक ६-६ करोड़ रूपए की राशि तक ये दोनों विभाग नहीं पहुंचे है। इसके लिए कुछ समय पूर्व निगम आयुक्त एसके सिंह ने समिति बनाकर वसूली अभियान को गति देने को कहा था। समिति सदस्य कागज में तो बने, लेकिन अब तक इस मामले में कुछ नया नहीं हुआ।

शिविर में लोग आ रहे कम

निगम ने वसूली को बढ़ाने के लिए अब अलग-अलग मोहल्लों में शिविर लगाने की शुरुआत की है, लेकिन हकीकत ये है कि पर्याप्त प्रचार के अभाव में इन शिविरों में ही लोग नहीं आ रहे है। जलकर विभाग के एक कर्मचारी के मुताबिक वे सुबह १० बजे से शाम ४ बजे तक बैठे रहते है, लेकिन जानकारी के अभाव में लोग इस शिविर से दूरी बनाए हुए है। अब स्थिति ये है कि जहां मोहल्लों में ये शिविर हो रहे है, उनमे तक प्रचार नहीं हो रहा है। जबकि पूर्व में इस प्रकार के शिविर के दौरान मोहल्लों में प्रचार होता था।

आमजन भी समझे जवाबदेही

निगम तो वसूली कर रहा है व शिविर भी लगा रहा है। आमजन भी अपनी जवाबदेही को समझे व शिविर का इंतजार क्यों करें। शहर में अनेक लोग इस प्रकार के भी है जो वर्षभर का कर एडवांस जमा कर देते है। उनसे प्रेरणा लेने की जरुरत है।

– प्रेम उपाध्याय, जलकर प्रभारी, नगर निगम

टैक्स लक्ष्य पूर्ति में पिछड़ी मंडी, १ करोड़ ६१ लाख की तुलना में १.३२ तक हो पाई पूर्ति
रतलाम। ए ग्रेड की रतलाम कृषि उपज मंडी टैक्स लक्ष्य पूर्ति में पिछड़ गई। मंडी प्रशासन द्वारा अनाज मंडी में चने की आवक कम और लहसुन-प्याज में टैक्स कम होना कारण बताया जा रहा है, वही कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि मंडी प्रांगण के बाहर गोडाउन पर हो रहे तौल के कारण भी टैक्स पर असर देखा जा रहा है। मंडी कर्मचारियों की माने तो फरवरी माह में डालर चना जो पिछले साल २०० से अधिक ट्राली पहुंच रहा था, वह ५० भी नहीं रह गया। जबकि लहसुन-प्याज मंडी आवक के साथ टैक्स भी कम होने के कारण लक्ष्य पूर्ति नहीं कर पाया। इस कारण से पिछले साल १ करोड़ ६१ लाख रुपए टैक्स की तुलना में १ करोड़ ३२ लाख तक ही पहुंच पाया, यानि २९ लाख के करीब टैक्स कम प्राप्त हुआ मंडी को।

कृषि उपज मंडी प्रांगण प्रभारी मुकेश ग्रेवाल के अनुसार पिछले साल फरवरी माह में ३ लाख ४३ हजार ७६७ क्विंटल की खरीदी हुई थी, जबकि इस साल अब तक ३ लाख २६ हजार ६८८ क्विंटल खरीदी हुई। मंडी में डालर चने की आवक ना के बराबर रह गई है, जबकि लहसुन-प्याज में टैक्स कमी और भाव के साथ आवक भी घटी है। इस कारण से टैक्स लक्ष्य पूर्ति पिछले साल का तुलना में कम हुई है। मंडी प्रांगण प्रभारी राजेंद्र व्यास ने बताया कि पिछले साल फरवरी माह में लहसुन की आवक ४३ हजार क्विंटल रही और माडल भाव १६०० रुपए रहे थे। जबकि इस साल २४ हजार क्विंटल आवक रह गई और मॉडल भाव १४०० रुपए तक पहुंच गए। इसी प्रकार प्याज ५५ हजार क्विंटल थे, जबकि इस साल ४३ हजार क्विंटल ही आवक रह गई और मॉडल भाव १२७० रुपए क्विंटल की स्थान पर इस साल ३०० रुपए प्रति क्विंटल ही रह गई। वहीं प्याज में एक प्रतिशत और लहसुन में डेढ़ प्रतिशत टैक्स की कमी आने कारण भी मंडी टैक्स की लक्ष्य कम रहा।

वर्जन

मंडी में इस साल फरवरी माह में चने की आवक कम हुई है, जबकि सब्जी मंडी में लहसुन-प्याज के भाव के साथ ही एक और डेढ़ प्रतिशत टैक्स में भी कमी आई है। लक्ष्य पूर्ति पिछले साल की तुलना में कम हुई है। वैसे इस कारण से करीब- करीब को लक्ष्य पूर्ति हो गई है।

एमएल बारसे, सचिव कृषि उपज मंडी, रतलाम

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