नगर निगम को लीड रोल निभाना था रतलाम नगर निगम सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के क्लस्टर के लिए लीड रोल में रहेगा। इसलिए यह अनुबंध भी नगर निगम रतलाम के साथ इन नगरीय निकायों से किया जा चुका है। विधानसभा चुनाव के पहले से चल रही प्रक्रिया के दौरान क्लस्टर में शामिल होने वाले सभी २१ नगरीय निकायों की तरफ से इसके लिए होने वाले अनुबंध पर हस्ताक्षर कर दिए गए हैं। यहां से सारी जानकारी और अनुबंध सरकार को भेजा जा चुका है किंतु विधानसभा चुनाव से लेकर लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के दौरान तीन माह से ज्यादा का समय गुजर जाने के बाद भी सरकार की तरफ से कोई संकेत नहीं मिले हैं कि योजना को आगे बढाया जाना है।
ये है शामिल निकाय
ये है शामिल निकाय
अनुबंध करने आने वाले २१ निकायों में धार, झाबुआ और मंदसौर जिले के साथ ही रतलाम जिले की नपा और नगर परिषद शामिल हैं। इनमें नपा परिषद पीथमपुर, धार, नगर परिषद बदनावर, नगर परिषद राजगढ़, नप सरदारपुर, नपा झाबुआ, नप मेघनगर, पेटलावद, रानापुर, थांदला, आलोट, बड़ावदा, धामनोद, नपा जावरा, नप नामली, पिपलौदा, सैलाना, ताल, नपा मंदसौर, नप नगरी और सीतामऊ हैं। इन सभी निकायों ने रतलाम नगर निगम से किए जाने वाले अनुबंध पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। इनसे निकलने वाले कचरे को इस कार्य का ठेका लेने वाली कंपनी खुद अपने वाहनों के जरिये रतलाम तक लाएगी और इससे वह एनर्जी बना सकती है या फिर इससे खाद का निर्माण कर सके।
शहर का कचरा सबसे ज्यादा
शहर का कचरा सबसे ज्यादा
सालिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए बनने वाले क्लस्टर में शामिल २१ नगरीय निकायों से ३०८ टन कचरा हर दिन निकलेगा। इसका सर्वे हो चुका है कि कहां किस निकाय से कितना कचरा निकलेगा। खास बात यह है कि सबी २१ नगरीय निकायों में से रतलाम नगर निगम से निकलने वाले कचरे की मात्रा सबसे ज्यादा आंकी गई है। क्लस्टर में सबसे बड़ा नगरीय निकाय भी रतलाम है और यहां से ८० टन कचरा हर दिन निकलता है। यह कचरा फिलहाल जुलवानिया स्थित ट्रेचिंग ग्राउंड पर भेजा जा रहा है। यह काम नगर निगम के कर्मचारी और वाहन ही कर रहे हैं। क्लस्टर बनने के बाद यह सारा काम ठेका लेने वाली कंपनी के कर्मचारी और उनके वाहनों के माध्यम से ही होगा।
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सरकार को भेजी जा चुकी जानकारी
विधानसभा चुनाव के बाद से ही सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट से जुड़ी जानकारी और निकायों के अनुबंध को सरकार को भेजा जा चुका है। अब सरकार को निर्णय करना है कि इसे कब लागू किया जाए। भोपाल से जो भी निर्देश मिलेंगे उसके हिसाब से हमारी अगली कार्रवाई होगी।
विधानसभा चुनाव के बाद से ही सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट से जुड़ी जानकारी और निकायों के अनुबंध को सरकार को भेजा जा चुका है। अब सरकार को निर्णय करना है कि इसे कब लागू किया जाए। भोपाल से जो भी निर्देश मिलेंगे उसके हिसाब से हमारी अगली कार्रवाई होगी।
सुरेशचंद्र व्यास, कार्यपालन यंत्री जल प्रदाय विभाग, नगर निगम