मंदसौर

बगैर रुके चली ट्रेन, फिर भी परीक्षण में लग गए 8 घंटे

130 पर हुआ परीक्षण, लेकिन 120 की राजधानी चार जगह रुककर भी कम समय में आती है

मंदसौरSep 30, 2019 / 05:55 pm

Mukesh Mahavar

बगैर रुके चली ट्रेन, फिर भी परीक्षण में लग गए 8 घंटे

रतलाम. रेलवे ने मुंबई सेंट्रल से नागदा व नागदा से मुंबई सेंट्रल तक एलएचबी डिब्बे लगाकर 130 की गति से ट्रेन का परीक्षण किया। ट्रेन शनिवार को सुबह 9 बजे मुंबई से चली व रतलाम तक आने में 8 घंटे 22 मिनट लिए, जबकि नियमित रुप से मुंबई से चलकर दिल्ली जाने वाली राजधानी ट्रेन चार स्टेशन पर रुकती है, 100 से 120 की गति चर चलती है, फिर भी सिर्फ 7 घंटे 37 मिनट में रतलाम पहुंच जाती है।
ट्रेन नंबर 12951 मुंबई सेंट्रल नई दिल्ली राजधानी ट्रेन प्रतिदिन शाम को 5 बजे चलती है। बोरिवली, सूरत, बड़ोदरा में ठहाव करते हुए ये ट्रेन रात 12.37 बजे रतलाम आती है। विशेष कारणों को छोड़ दिया जाए तो ये ट्रेन समय पर या कभी एक से पांच मिनट पहले तक रतलाम आ जाती है। ये ही स्थिति इस ट्रेन की दिल्ली तक रहती है। मुंबई से रतलाम तक की ही बात करें तो ये ट्रेन सिर्फ 7.37 घंटे में ही रतलाम आ जाती है, जबकि परीक्षण ट्रेन ने अधिक समय लिया है।

मुंबई समय से पहले पहुंची
रेलवे अधिकारियों के अनुसार मुंबई से रतलाम तक ट्रेन ने कुल 8 घंटे 22 मिनट का समय लिया था, जबकि रविवार को जब सुबह ९ बजकर 2 मिनट पर रतलाम से निकली तो मुंबई सेंट्रल ये ट्रेन शाम 6 बजे बाद पहंची। जब शनिवार को ट्रेन को चलाया गया तो इसको नागदा शाम 4 बजे पहुंचाने का लक्ष्य था, जबकि नागदा से वापसी में मुंबई शाम ६ बजे पहुंचाने का लक्ष्य था, लेकिन दोनों ही लक्ष्य रेलवे नहीं पा पाई।

ट्रेन नागदा से मुंबई के लिए रवाना
गति को बढ़ाने के उद्देश्य से रेलवे ने शनिवार व रविवार को ये प्रयोग किया। रविवार सुबह 8 बजकर 30 मिनट पर 130 की गति से ये ट्रेन नागदा से मुंबई के लिए रवाना हुई। रतलाम ये ट्रेन मात्र 32 मिनट याने की सुबह 9 बजकर 2 मिनट पर निकल गई। राजधानी ट्रेन रतलाम से नागदा के लिए रात 12.40 बजे चलती है व 1.18 बजे पहुंचती है। याने की 38 मिनट में पहुंचती है। याने की 10 किमी अधिक गति रखने के बाद सिर्फ 6 मिनट पूर्व ही ट्रेन रतलाम से निकली।

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