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आईजी ने लंबित अपराधों के निराकरण के लिए दिए सात दिन

locationरतलामPublished: Aug 11, 2019 05:36:01 pm

आईजी ने लंबित अपराधों के निराकरण के लिए दिए सात दिन

patrika

आईजी ने लंबित अपराधों के निराकरण के लिए दिए सात दिन

रतलाम। उज्जैन संभाग के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) राकेश गुप्ता ने पुराने पुलिस नियंत्रण कक्ष में जिलेभर के थाना प्रभारियों और अन्य अधिकारियों की बैठक लेकर पुराने और गंभीर अपराधों की समीक्षा की। लंबित मामलों को लेकर आईजी गुप्ता ने कहा कि गंभीर मामलों में पुलिस को संवेदनशील बनना होगा।
ऐसे मामलों में खासकर जघन्य अपराधों में पुलिस को आरोपियों के खिलाफ जितने भी साक्ष्य हो जुटाकर आरोपियों को सजा दिलाने में अपनी भूमिका तय करे। उन्होंने थाना प्रभारियों से दो टूक शब्दों में कहा कि वे लंबित अपराधों का निराकरण सात दिन में करें या उनके चालान न्यायालय में पेश करें। बताया जाता है कि जिले में ऐसे मामले सामने आए हैं जो बहुत ही गंभीर और संवेदनशील हैं जिनके निराकरण के लिए खासतौर से हिदायत दी गई। बैठक में डीआईजी गौरव राजपूत, पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. इंद्रजीत बाकलवार सहित तमाम पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।
थानों में पड़े वाहनों का निराकरण हो
जिलेभर के थाना परिसरों में बड़ी संख्या में जब्त किए गए वाहनों के पड़े होने को लेकर भी आईजी गुप्ता ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इनका निराकरण जल्द से जल्द किया जाए। इसके लिए जो भी कानूनी प्रक्रिया की जाना हो उसे तय करके इनके निराकरण की व्यवस्था हो। कुछ मामलों में चालान समय पर पेश नहीं होने को लेकर भी उन्होंने कहा कि इसके लिए भी सक्रियता से काम किया जाए तो बेहतर परिणाम सामने आएंगे।
डीएनए रिपोर्ट जल्द मंगाएं
दुष्कर्म जैसे अपराधों में पुलिस द्वारा कराए जाने वाले डीएनए की रिपोर्ट आने में देरी से मामले लंबित होने की बात सामने आने पर आईजी गुप्ता ने कहा कि डीएनए रिपोर्ट जल्द मंगवाने के प्रयास किए जाएं। ऐसे अपराधों में एफएसएल की टीम भी भी पूरी मदद ले और जिस तरह एफएसएल मौके से साक्ष्य एकत्रित करती है उसके अनुसार ही चालान में सारी बातें आ जाए जिससे फैसले पर विपरित असर नहीं पड़े।
40 प्रकरणों पर नजर
जिले के विभिन्न थानों में 40 प्रकरण ऐसे सामने आए हैं जो काफी गंभीर हैं। इन प्रकरणों को लेकर आईजी गुप्ता ने हर जांच अधिकारी से जानकारी ली। बताया जाता है कि सभी ४० प्रकरणों में रेप और महिला की संदिग्ध मौत के मामले हैं। जांच अधिकारियों ने बताया कि बाजना, सैलाना, सरवन और रावटी जैसे आदिवासी अंचल में बलात्कार के प्रकरणों की जांच में मुश्किल आ रही है क्योंकि यहां के लोग मजदूरी करने दूसरे शहर चले जाते हैं जिससे उनके बयान आदि होने में दिक्कत आती है। आईजी ने कहा कि जैसे भी हो इन प्रकरणों की जांच जल्द से जल्द पूरी की जाए।

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