बदहाल चार बच्चियों को मिला नया सहारा
रतलामPublished: Jul 04, 2018 05:07:16 pm
पालन पोषण कर हार चुकी दादी ने कलेक्टर से लगाई थी गुहार
बदहाल चार बच्चियों को मिला नया सहारा
रतलाम। बेटे-बहू की मौत के उनके पांच बच्चों का पालन पोषण कर हार चुकी ६३ वर्षीय वृद्धा मंगलवार को कलेक्टर से मिलने पहुंची। कलेक्टर रुचिका चौहान से वृद्धा ने इस उम्र में उसके द्वारा बच्चों का पालन पोषण करने में असमर्थता जताई। ये सुन कलेक्टर ने एडीएम को उनकी व्यवस्था का जिम्मा सौंपा। एडीएम ने बच्चियों को बेहतर भविष्य के लिए शिक्षा विभाग द्वारा संचालित बालिका छात्रावास में दो का प्रवेश करा दिया, जबकि दादी सहित तीन अन्य के लिए वृद्धाश्रम या अन्य व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
ये मामला मोरवानी निवासी संतोषबाई के साथ का है। कलेक्टर कार्यालय पहुंची वृद्धा ने बताया कि गत वर्ष होली व दीपावली के समय बेटे सूरज व बहू ललिता की मौत हो गई थी। इन दोनों के जाने के बाद बीते छह से सात माह से जैसे तैसे इन बच्चों को पाल रही हूं, लेकिन अब और क्षमता नहीं बची एेसे है, यदि कुछ मदद मिल जाए तो इन बच्चों को भटकना नहीं पड़ेगा। वृद्धा की हालत देख कलेक्टर ने एडीएम डॉ. कैलाश बुंदेला को उनकी व्यवस्था का जिम्मा सौंपा तो वे सभी को लेकर कार्यालय पहुंचे।
बासिंद्रा में रहेगी बच्चियां
एडीएम के दफ्तर के बाहर बैठी वृद्धा व बालिकाओं को कुछ देर बाद एडीएम ने बुलाया और जिला शिक्षा केंद्र के अधिकारी सोहन शिंदे से उनकी मुलाकात कराई। एडीएम ने शिक्षा विभाग के उक्त अधिकारी को बच्चों की देख-रेख के संबंध में जानकारी मांगी, जिस पर उनके द्वारा बासिंद्रा में आरएसटी का बालिका छात्रावास होने की जानकारी दी, जहां पर बच्चियों के रहने, खाने, पहनने के कपडे़, खेलकूद व बेहतर शिक्षा मिलने की बात कही। ये सुन एडीएम ने वृद्धा से बालिकाओं को छात्रावास भेजने की बात कही, तो वह भी बच्चों के भविष्य को देख राजी हो गई।
नहीं करा सकते भर्ती
शिक्षा विभाग से आए अधिकारी ने दो बालिकाओं की व्यवस्था की हां तो कर ली। साथ ही कुछ दिन के लिए वृद्धा को पौते व दो पौती के साथ रखने की बात कही, साथ ही इनके लिए अलग से व्यवस्था कर जल्द ही वहां भेजने के निर्देश दिए हैं। साथ ही बालिकाओं को बासिंद्रा छात्रावास भेजने के लिए एडीएम ने वाहन की व्यवस्था की और उन्हे भेज दिया।