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85 स्कूलों में नहीं हो सका कोई निर्माण, सभी निरस्त

locationरतलामPublished: Dec 02, 2021 11:57:53 am

Submitted by:

kamal jadhav

एक्सक्लूसिव – खाते में राशि देने के बाद भी निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायतों की लापरवाही से नहीं हो सका कोई काम, अब सारे काम करना पड़ गए निरस्त

85 स्कूलों में नहीं हो सका कोई निर्माण, सभी निरस्त

85 स्कूलों में नहीं हो सका कोई निर्माण, सभी निरस्त

कमलसिंह@रतलाम।
ग्राम पंचायतों की लापरवाही का आलम यह है कि जिले में 2007-08 से लेकर 2012-13 तक की पांच साल की अवधि में सर्वशिक्षा अभियान के अंतर्गत जिला शिक्षा केंद्र से स्वीकृत हुए निर्माण कार्यों में से ८५ निर्माण कार्यों की एक ईंट भी नहीं लग सकी है। इन कार्यों की लागत करीब दो करोड़ रुपए आंकी गई है। ग्राम पंचायतों के तत्कालीन सरपंच और सचिवों ने खातों में जमा राशि निकालकर अपनेस्तर पर खर्च कर डाली। जिला पंचायत ने सख्ती दिखाते हुए इनसे वसूली कर ली है किंतु फिर भी कई पंचायतें ऐसे हैं जिनसे वसूली की जाना है।

दो करोड़ से ज्यादा के थे ये काम
जिला शिक्षा केंद्र से स्वीकृत और निरस्त करना पड़ गए 85 कार्यों की राशि दो करोड़ रुपए से ज्यादा की थी। यह राशि ग्राम पंचायतों के सरपंच और सचिवों ने निकालकर खर्च कर डाली लेकिन कोई काम शुरू ही नहीं कर सके। राज्य शिक्षा केंद्र ने ऐसे कामों की सूची और वसूली के लिए डंडा चलाया तो जिला पंचायत के माध्यम से तत्कालीन सरपंच और सचिवों से वसूली शुरू हुई। अब तक 78 कार्यों की १ करोड़ 87 लाख 89 हजार 221 रुपए वसूल कर लिए गए हैं जबकि सात कार्यों की करीब ३० लाख की राशि अभी भी वसूलना शेष है।

71 कार्य अधूरे ही पड़े हुए हैं जिले में
जिले में वर्ष 2007-08 से लेकर 2020-21 के बीच स्वीकृत हुए 6669 कार्यों में से 71 कामों की ऐसी सूची है जिनका निर्माण कार्य शुरू तो कर दिया किंतु ग्राम पंचायतों की लापरवाही की वजह से ये आज भी अधूरे ही पड़े हुए हैं। इन कार्यों में से ज्यादातर निर्माण कार्य खंडहर के रूप में तब्दील होते जा रहे हैं। जो निर्माण किया गया है वह भी अनुपयोगी होता जा रहा है। न इनका किसी बच्चे के लिए उपयोग हो रहा है और न ही किसी स्कूल में स्टाफ के लिए ही कोई उपयोग हो रहा है। खंडहर के रूप में स्कूल के ये अधूरे कार्य अधिकारियों के मुंह चिढ़ा रहे हैं।

ये निर्माण कार्य होना थे स्कूलों में
जिले के स्कूलों में स्वीकृत किए गए निर्माण कार्यों में अतिरिक्त कक्ष, बाउंड्रीवाल, बालक-बालिकाओं के शौचालय, स्कूल भवन हैं।
इन्होंने नहीं किया काम
२००७-०८ में निर्माण एजेंसी राज्य शिक्षा केंद्र ने ग्राम पंचायतों को बनाया था। इनके कर्ताधर्ताओं ने स्कूलों में कोई काम नहीं किया।
यह हुआ असर
निर्माण कार्य नहीं होने या अधूरा रहने से बच्चों की सुविधा के उ²ेश्य के लिए इन्हें स्वीकृत किया गया था वह उ²ेश्य पूरा ही नहीं हो पाया।
फैक्ट फाइल
२००७-०८ से २०२०-२१ तक स्वीकृत कार्य ———- 6669
२००७-०८ से २०२०-२१ तक के अपूर्ण कार्य ——— 71
२००७-०८ से २०१२-१३ तक अप्रारंभ कार्य ———- 85
अप्रारंभ कार्यों में से अब तक वसूली व विलोपित ——- 78
वसूली गई राशि ——————————– 1 करोड़ 87 लाख 89 हजार 221 रुपए
अप्रारंभ कार्यों में से वसूली के लिए शेष कार्य ———- 07
सात कार्यों की जमा की गई राशि वसूलना शेष ———- 30 लाख (लगभग)

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लगातार चल रही है वसूली की प्रक्रिया
जिले में जो निर्माण कार्य अधूरे हैं उनकी एजेंसी तत्कालीन सरपंच और सचिवों पर धारा 92 की कार्रवाई जिला पंचायत के माध्यम से करके कार्रवाई की जा रही है। 78 अप्रारंभ कार्यों की वसूली कर ली गई है। शेष सात कार्यों की वसूली के लिए भी लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
जागृति छाजेड़, प्र्रभारी सहायक यंत्री, जिला शिक्षा केंद्र

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