फिलहाल सड़क दुर्घटनाओं में भारत देश विश्व में तीसरे स्थान पर है जिसमें सड़क दुर्घटनायें 4.80 लाख एवं मौतों के मामले में पहले स्थान पर डेढ़ लाख सालना के आस पास है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य देश में सड़क सुरक्षा में सुधार करना है। यह परियोजना डेटा विश्लेषक तकनीक (data analytics technique) के माध्यम से अमल में लायी जाएगी एवं देश भर में एकत्रित सड़क दुर्घटना डेटा का विश्लेषण करके विभिन्न प्रकार की नीतिया बनायीं जाएगी।
भारत सरकार ने परियोजना के विकास, प्रशिक्षण एवम रखरखाव के लिए एनआईसी को नियुक्त किया है तथा सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए आईआईटी, मद्रास एनालिटिक्स और नई नीतियां तैयार करेगा। आइआरएडी (इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस) परियोजना के अंतर्गत इस प्रोग्राम को मोबाइल एप्लीकेशन या वेब एप के द्वारा इस्तेमाल किया जा सकता है, हालांकि सड़क दुर्घटना को दुर्घटना स्थल पर डाटा रिकॉर्ड करने के लिए केवल मोबाइल ऐप का ही इस्तेमाल करना होगा।
यह परियोजना पायलट प्रोसेस में 6 राज्यों – कर्नाटक, तमिलनाडु, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में शुरू की गयी है। प्रदेश के सभी जिलों में इसे लागू किया गया है। वर्तमान में मध्य प्रदेश द्वारा 21975 सड़क दुर्घटनाओ को इस प्रोजेक्ट में रिकॉर्ड किया गया है जिससे राज्य का स्थान बाकि राज्यों से टॉप श्रेणी में है एवं रतलाम जिले में कुल 513 सड़क दुर्घटनाओ को ऐप द्वारा रिकॉर्ड किया गया है।
इस परियोजना में पुलिस विभाग के अलावा ट्रांसपोर्ट, हाईवे एवं स्वास्थ विभाग को भी सम्मिलित किया गया है, जिससे भविष्य में कही भी सड़क दुर्घटना होने पर जल्द से जल्द पुलिस विभाग द्वारा कार्यवाही करके दूसरे विभागों को ऐप का द्वारा सूचना मिल जाये एवं घायलों का समय पर ईलाज किया जा सके। एनआईसी द्वारा निर्मित इस ऐप में ‘वन प्लेटफार्म – मल्टीपल डिपार्टमेंट’ का ध्यान रखा है, जिससे ये सभी विभाग एक दूसरे से इसी ऐप के माध्यम से जुड़े रहेंगे और कहीं भी सड़क दुर्घटना होने पर जल्दी एक्शन ले पाएंगे।
फ़िलहाल यह ऐप पुलिस विभाग द्वारा इस्तेमाल करना शुरू हो चुका है। रतलाम जिले में पुलिस विभाग के नोडल अधिकारी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री सुनील कुमार पाटीदार को बनाया गया है तथा एनआईसी के डी. आई. ओ. श्री नरेंद्र सिंह चौहान द्वारा इस परियोजना की जिले में ट्रेनिंग की मॉनिटरिंग की जा रही है। जिले में परियोजना की ट्रेनिंग, तकनिकी परेशानी, संदेह समाशोधन एवं ग्राउंड सपोर्ट के लिए डिस्ट्रिक्ट रोलआउट मैनेजर रोहित भट्ट को नियुक्त किया गया है।
किस प्रकार कार्य करती है iRAD ऐप
रोड एक्सीडेंट की जानकारी होते ही निकटम पुलिस स्टेशन से पुलिसकर्मी घटना स्थल पर पहुंचेगे और कुछ निन्म जानकारियां जैसे दुर्घटना एवं रिपोर्टिंग की दिनांक और समय फिर ये ऐप दुर्घटना के स्थान का longitude और latitude अपने आप ले लेगा। इसके बाद दुर्घटना की गंभीरता, वाहनों की संख्या एवं घायलो की संख्या दर्ज की जाएगी। भविष्य में इस ऐप को स्वास्थ्य विभाग से जोड़ा जायेगा जिसमे पुलिसकर्मी द्वारा दुर्घटना को ऐप में दर्ज करने के बाद निकटतम रोड एक्सीडेंट हॉस्पिटल को अलर्ट मैसेज चला जायेगा और उसके अनुसार हॉस्पिटल में व्यवस्था कीजाएगी और घायलों को जल्द से जल्द ईलाज मिल सके।