रतलाम

निजी स्कूलों को टक्कर देने अब अफसर करेंगे वेतन दान

मिशन 1000 की 20 हायर सेकंडरी के लिए अफसरों ने दिया एक दिन का वेतन

रतलामNov 12, 2019 / 02:51 pm

sachin trivedi

patrika

रतलाम. शासकीय स्कूलों को बेहतर संसाधनों से लैस करने के लिए मिशन 1000 में चयनित जिले की 20 शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल को निजी स्कूलों की तरह सुविधाजनक बनाने के लिए अफसरों ने कलेक्टर की प्रेरणा से अपने वेतन से एक दिन की राशि देने का निर्णय लिया है। जिला पंचायत सीईओ, जिला शिक्षा अधिकारी और जिला परियोजना समन्वयक की पहल के बाद अब अन्य अधिकारियों से इसे आगे बढ़ाने का आव्हान किया गया है। मिशन 1000 के तहत सीईओ जिला पंचायत संदीप केरकेट्टा ने 30 अक्टूबर को जिले के चयनित हायर सेकंडरी प्राचार्यो की बैठक की थी, इस बैठक के बाद प्राचार्यो का दल बनाकर जिले की निजी स्कूलों में भेजा गया। इस दल ने इन निजी स्कूलों का दौरा कर वहां उपलब्ध संसाधनों और सुविधाओं के आधार पर मिशन के लिए जिले से चयनित 20 हायर सेकंडरी स्कूलों की जरूरतों की रिपोर्ट तैयार की है।
एक दिन की राशि स्कूलों को देने का निर्णय लिया
जिला पंचायत सीईओ ने सोमवार को सभी प्राचार्यो के साथ एक बार फिर बैठक की और उनकी रिपोर्ट के अनुसार चर्चा की। इस चर्चा के दौरान जिले से चयनित 20 शासकीय हायर सेकंडरी स्कूलों में सुविधाओं के लिए कलेक्टर रुचिका चौहान की प्रेरणा से जिला पंचायत सीईओ केरकेट्टा, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला परियोजना समन्वयक आरके त्रिपाठी ने अपने वेतन से एक दिन की राशि स्कूलों को देने का निर्णय लिया है। साथ ही आव्हान किया कि जिले के सभी अधिकारी अपना एक दिन का वेतन स्वैच्छा से स्कूलों के लिए प्रदान करें। यह राशि चयनित शासकीय हायर सेकंडरी स्कूलों की सुविधाओं पर खर्च होगी।
बड़े निजी स्कूलों के आधार पर बनाई रिपोर्ट
शासकीय स्कूलों के प्राचार्यो ने जिले के बड़े निजी स्कूलों का दौरा कर अपनी रिपोर्ट तैयार की है। इनमें सेंट जोसेफ स्कूल रतलाम, गुरू तेग बहादुर एकेडमी रतलाम, रतलाम पब्लिक स्कूल, जावरा पब्लिक स्कूल, सेंट पीटर स्कूल जावरा व सेंट पाल स्कूल जावरा शामिल है। प्राचार्यो ने प्रयोगशाला, पुस्तकालय, कक्षाध्यापन कक्ष व पेयजल सहित शौचालय जैसी सुविधाओं का जायजा लिया। साथ ही शिक्षण व्यवस्था को भी देखा है।
प्रदेश के एक हजार स्कूल में मिलेगी सुविधा
राज्य सरकार द्वारा चिन्हित किए गए प्रदेश के एक हजार स्कूलों की बेहतरी के लिए जिले के अधिकारी व कर्मचारी अपना एक-एक दिन का वेतन अधोसंरचनात्मक कार्यों के लिए उपलब्ध कराएंगे। सोमवार को कलेक्टर रुचिका चौहान ने निर्देश भी जारी किए है। कलेक्टर ने बताया कि प्रदेश में स्कूल राज्य शासन ने चिन्हित किए हैं, जहां बच्चों की संख्या अच्छी होने के साथ ही टीचिंग स्टाफ भी अच्छा है लेकिन अधोसंरचना की कमी है। इस अधोसंरचना की पूर्ति कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी फंड से की जाना है। इसके लिए सभी अधिकारी अपना एक-एक दिन का वेतन इन कार्यों के लिए उपलब्ध कराएंगे।
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