scriptOnly then will we have darshan of Jagatpati | तो ही जगतपति के होंगे दर्शन: आचार्य प्रवरश्री विजयराज महाराज | Patrika News

तो ही जगतपति के होंगे दर्शन: आचार्य प्रवरश्री विजयराज महाराज

locationरतलामPublished: Nov 08, 2023 10:19:56 pm

Submitted by:

Gourishankar Jodha

रतलाम। मैं कौन हूं? मैं क्या हूं? यह जानना जरूरी है, क्योंकि अपने को जाने बिना परमात्मा को नहीं जाना जा सकता। हर व्यक्ति को पहले अपने को जानने का प्रयास करना चाहिए। विडंबना है कि लोग अपने को जाने बिना परमात्मा को जानने की चेष्टा करते है, जो कभी भी सार्थक नहीं होती।

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यह आचार्य प्रवरश्री विजयराज महाराज ने छोटू भाई की बगीची में प्रवचन देते हुए कहा कि बाहर दिखने वाला आभासी दुनिया है, जिसमें जगत के दर्शन होते है, लेकिन जगतपति के दर्शन नहीं होते। अंर्तदृष्टि से अपने अंतरंग में देखते है, तो ही जगतपति के दर्शन होते है। यही सत्य और शाश्वत है। आत्म ज्ञान ही परमात्म ज्ञान का प्रथम सौपान है। आत्म ज्ञान के लिए मन एवं इन्द्रियों की स्थिरता जरूरी है। मन और इन्द्रियां जब तक अपने-अपने विषयों में भटकती रहेगी, तब तक हमे आत्म ज्ञान की प्राप्ति नहीं होगी। आत्म दृष्टा ही परमात्म दृष्टा बनते है।
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