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पंक्चर साइकिल, पुरानी पुस्तकें लेकर स्कूल चले हम

locationरतलामPublished: Apr 03, 2018 02:12:55 pm

Submitted by:

sachin trivedi

पंक्चर साइकिल, पुरानी पुस्तकें लेकर स्कूल चले हम – जिला स्तरीय अभियान की शुरूआत के दौरान ही खुलकर सामने आई अव्यवस्था

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रतलाम। नए शिक्षा सत्र की शुरूआत का पहला ही दिन अव्यवस्था के नाम रहा। जिला स्तर पर स्कूल चले अभियान के मुख्य समारोह में बच्चों को पंक्चर साइकिल थमा दी गई। वहीं, पुरानी किताबों पर नया फीता लगाकर शुभारम्भ कर दिया गया। मंच से बच्चों को बेहतर भविष्य निर्माण के लिए सरकारी योजनाओं का खाका प्रस्तुत किया गया तो पांडाल में बैठे बच्चे भाषण समाप्त होने की राह ताकते रहे। स्कूलों में भी अव्यवस्थाएं पसरी रही।
शहर के हाथीखाना रोड पर स्थित जिला शिक्षा केन्द्र परिसर में सोमवार को नए शिक्षा सत्र का शुभारम्भ एक समारोह के माध्यम से किया गया। महापौर डॉ. सुनीता यार्दे, उपाध्यक्ष जिला पंचायत डीपी धाकड़ व प्रभारी कलेक्टर सोमेश मिश्रा की उपस्थिति में समारोह के दौरान चयनित बच्चों को पुस्तक, साइकिल और जॉयफुल कीट भी बांटी गई। कक्षा पहलीं और छठीं में नवप्रवेशित बच्चों को तिलक लगाकर हार भी पहनाया गया, लेकिन अव्यवस्थाओं के आगे प्रवेश के पहले दिन का दिखावा काम नहीं आ सका। दअरसल, समारोह स्थल पर बालक और बालिकाओं को बंटने वाली साइकिल ही सवाल बनकर खड़ी थी। कुछ साइकिल पंक्चर थी तो कुछ में सहायक सामग्री का अभाव था। बालिकाओं को बांटी गई साइकिल में तो बकेट को कपड़े के सहारे बांधा रखा गया था। मौके पर मौजूद जिम्मेदारों को इसकी जानकारी होने के बाद भी इनको सुधारा नहीं गया।

मैदानी अमले से लेकर अफसर तक लापरवाह
समारोह स्थल पर जिला शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा केन्द्र समन्वयक, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग सहित मैदानी अमला मौजूद रहा। महापौर डॉ. यार्दे ने बच्चों को भविष्य की शुभकामनाएं दी तो प्रभारी कलेक्टर मिश्रा ने योजनाओं पर प्रकाश डाला। जिला पंचायत उपाध्यक्ष ने भी शिक्षा गुणवत्ता और शिक्षा के महत्व पर अपनी बात रखी। करीब डेढ़ घंटा चले समारोह के दौरान किसी भी अफसर ने अव्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया। समारोह के बाद बच्चे माला डली अव्यवस्थित साइकिल लेकर ही निकलते रहे।

शुभारम्भ की घंटी ही 45 मिनट देरी से बजी
जिला शिक्षा केन्द्र ने प्रात: करीब ११ बजे आयोजन की शुरूआत तय की थी, लेकिन अतिथि ४५ मिनट देरी से पहुंचे। शुभारम्भ की घंटी समय पर नहीं बजने के कारण बच्चों को पांडाल में बैठाकर रखा गया। महापौर डॉ. यार्दे के आने के बाद प्रभारी कलेक्टर मिश्रा पहुंच पाए। देरी के कारण गर्मी बढ़ी व बच्चे परेशान हुए तो दो कूलर लाकर रखवा दिए।

क्या है जॉयफुल कीट, नहीं जान पाए बच्चे
इस शिक्षा सत्र के शुरूआती दिनों को गतिविधियों को बढ़ाने वाला रखा गया है। राज्य शिक्षा ने जॉयफुल कीट के जरिए बच्चों को इन गतिविधियों में शामिल करने का खाका तैयार किया है, लेकिन शुभारम्भ समारोह में पहुंचे बच्चे ही इसके बारे में नहीं जानते थे। हालांकि जिला शिक्षा केन्द्र की ओर से शिक्षकों के जरिए बच्चों को जॉयफुल कीट के बारे मेंं बताने की जानकारी दी गई। हर स्कूल में बच्चों को इनका वितरण किया जाएगा।
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