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Patrika Exclusive Interview….ओमिक्रॉन इतना घातक नहीं इसलिए ऑफलाइन परीक्षा का फैसला

locationरतलामPublished: Jan 22, 2022 09:46:34 pm

Submitted by:

sachin trivedi

विक्रम विवि के कुलपति ने कहा, दोनों डोज के बाद ही परीक्षा की अनुमति, संक्रमण से बचने के पूरे इंतजाम

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उज्जैन. कोरोना महामारी की दूसरी घातक लहर के बाद अब लोगों में जहां ज्यादा डर दिखाई दे रहा है, वहीं विक्रम विश्वविद्यालय ऑफलाइन परीक्षा ले रहा है। इस महामारी में ऑफलाइन परीक्षा से हजारों बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर पत्रिका से चर्चा में कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय ने कहा कि ओमिक्रॉन इतना घातक नहीं है, जितना कोरोना की दूसरी लहर रही। इसके बावजूद विद्यार्थियों से परीक्षा के मोड पर चर्चा के बाद ही ऑफलाइन परीक्षा का निर्णय लिया गया है। महामारी के इस संकट में बचाव के लिए विवि के सभी होस्टल बंद है। कुछ बाहरी विद्यार्थी अपने घर से आवागमन कर पढ़ाई कर रहे हैं, वहीं कुछ अनुमति पर ऑनलाइन पढ़ाई में शरीक हैं। ऐसे में ऑफलाइन परीक्षा से उनकी परेशानी समझी जा सकती है। इधर इस शैक्षणिक सत्र में विक्रम विवि ने लगभग 152 नए कोर्स शुरू किए, जिनसे काफी उम्मीद थी, लेकिन महामारी के इस संकटमय दौर में कई कोर्स विद्यार्थियों के मन को नहीं भाए तो कुछ में गिनेचुने विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया। नए कुछ ऐसे कोर्स भी हैं, जिन्हें अच्छा प्रतिसाद मिला, लेकिन कुलमिलाकर इस महामारी के दौर में विवि को नए पाठ्यक्रमों लगभग मात खानी पड़ी।

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पत्रिका साक्षात्कार में परीक्षा की आशंकाओं को कुलपति ने लगाया विराम


पत्रिका: इस शैक्षणिक सत्र में आरंभ किए गए नए कोर्स से कितनी उम्मीद थी और क्या परिणाम मिला।
कुलपति: हमने इस वर्ष करीब 152 कोर्स शुरू किए हैं। हर कोर्स में कुछ न कुछ बच्चों ने एडमिशन लिया है। कुछ ऐसे कोर्स हैं, जिन्हें हम पापुलर नहीं कर पाए। नए सत्र में उनसे उम्मीद है, लेकिन कुछ कोर्स बहुत अच्छे रहे, जैसे कृषि। इसमें सभी सीटें फुल हो गई। जबकि फारेंसिक साइंस, फूड टेक्नोलॉजी जैसे कोर्स में अच्छे एडमिशन हुए हैं।

पत्रिका: कितने कोर्स ऐसे हैं, जिनमें विद्यार्थियों की रूची नजर नहीं आई।
कुलपति: नए पाठ्यक्रम में फॉरेस्ट्री और हॉर्टिकल्चर में अच्छे एडमिशन नहीं मिल सके। बच्चों की ज्यादा रूची एग्रीकल्चर में है। पुलिस साइंस कोर्स भी लोगों को ज्यादा समझ नहीं आया। कोर्स लांच करने में भी हमे देरी हुई, लेकिन अगने सत्र में अच्छे एडमिशन की उम्मीद है।

पत्रिका: कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन में भी ऑफलाइन परीक्षा का फैसला क्यों।
कुलपति: परीक्षा बच्चों के कॅरियर से जुड़ा महत्वपूर्ण विषय है। ओमिक्रॉन का उतना इंपेक्ट नहीं है, जितना कोविड-19 का था। ओपन बुक और ऑनलाइन में हमारे पास इतनी व्यवस्था नहीं है, जो ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थी हैं उनका भी ध्यान रखना जरूरी है।

पत्रिका: ऑफलाइन परीक्षा के दौरान संभावित संक्रमण से निपटने की क्या तैयारी है।
कुलपति: हमारी सबसे पहली प्राथमिकता में वैक्सिनेशन है। जिन बच्चों ने दोनों डोज लगवा लिए हैं, परीक्षा हॉल में उन्हें ही प्रवेश दिया जाएगा। इसके अलावा यदि कोई बच्चा पॉजिटिव आता है तो उसकी परीक्षा दोबारा ली जाएगी, इस संबंध में परीक्षा गाइडलाइन तैयार हो गई है।

पत्रिका: कोरोनाकाल का लगातार हर क्षेत्र पर प्रभाव हो रहा है, उच्च शिक्षा में कैसे हालात है।
कुलपति: इस दौरान नए कोर्सेस में जिस तरह की उम्मीद थी, उस अनुसार परिणाम नहीं आ पाए हैं, प्रवेश की संख्या कुछ नए कोर्स में अच्छी रही तो कुछ में अपेक्षा अनुसार प्रवेश नहीं हुए है। कोरोनाकाल ने समूची दुनिया को प्रभावित किया है तो निश्चित ही उसका असर उच्च शिक्षा क्षेत्र पर भी हो रहा है।

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