मध्यप्रदेश नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषद कर्मचारी संघ भोपाल के आव्हान पर शुक्रवार को निगम कार्यालय के बाहर बैठकर निगम के अधिकारी एवं कर्मचारियों ने नारेबाजी की। नगर निगम कर्मचारी यूनियन अध्यक्ष दिनेश सोलंकी, कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष हेमंत सोलंकी एवं यूनियन के पदाधिकारी काम बंद हड़ताल में सम्मिलित हुए। हड़ताल के चलते निगम की सभी शाखाओं पर असर पड़ा। ज्यादातर शाखाओं में तो प्रभारी ही नजर आए। वित्त सहित स्थापना, लेखा जैसी महत्वपूर्ण शाखाओं में भी असर दिखाई दिया। कर्मचारियों के आंदोलन के तहत 28 अप्रैल को भोपाल में सचिवालय का घेराव किया जाएगा तथा 1 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी भी दी गई है।
इन मांगों पर हड़ताल का रास्ता
– निकाय अधिकारी-कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ देने।
– कम्प्यूटर ऑपरेटरों और सामुदायिक संगठकों के पदो को नियमित करने।
– धारणाधिकार समाप्त करने एवं अन्य मांगो का निराकरण नहीं करने।
– ९ वर्षो से लंबित निकाय कर्मचारियों को समयमान वेतनमान देने।
– निकायों का स्थापना व्यय 65 फीसदी से अब 70 फीसदी करने।
– निकाय अधिकारी-कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ देने।
– कम्प्यूटर ऑपरेटरों और सामुदायिक संगठकों के पदो को नियमित करने।
– धारणाधिकार समाप्त करने एवं अन्य मांगो का निराकरण नहीं करने।
– ९ वर्षो से लंबित निकाय कर्मचारियों को समयमान वेतनमान देने।
– निकायों का स्थापना व्यय 65 फीसदी से अब 70 फीसदी करने।
अफसरों को न पानी मिला न फाइल
निगम अधिकारी-कर्मचारियों की हड़ताल को स्थानीय कर्मचारियों ने भी अपना समर्थन दिया। इससे दफ्तरों मेंं पानी से लेकर फाइल तक का कार्य थम गया। आम जनता से जुड़ी शाखाओं जलकर, प्रकाशकर, संपत्तिकर एवं नामांतरण का कार्य भी नहीं हो सका। सातवें वेतमान सहित अन्य मांगों को लेकर नगर निगम अधिकारी और कर्मचारी शुक्रवार को एक दिनी कलमबंद हड़ताल पर बाहर बैठे रहे। दफ्तरों में सन्नाटा रहा तो अफसरों को भी काम-काज में परेशानी हुई। अब 28 अप्रैल को भोपाल में घेराव किया जाएगा। हड़ताल के चलते निगम की सभी शाखाओं पर असर पड़ा। ज्यादातर शाखाओं में तो प्रभारी ही नजर आए। वित्त सहित स्थापना, लेखा जैसी महत्वपूर्ण शाखाओं में भी असर दिखाई दिया। कर्मचारियों के आंदोलन के तहत 28 अप्रैल को भोपाल में सचिवालय का घेराव किया जाएगा तथा 1 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी भी दी गई है।
निगम अधिकारी-कर्मचारियों की हड़ताल को स्थानीय कर्मचारियों ने भी अपना समर्थन दिया। इससे दफ्तरों मेंं पानी से लेकर फाइल तक का कार्य थम गया। आम जनता से जुड़ी शाखाओं जलकर, प्रकाशकर, संपत्तिकर एवं नामांतरण का कार्य भी नहीं हो सका। सातवें वेतमान सहित अन्य मांगों को लेकर नगर निगम अधिकारी और कर्मचारी शुक्रवार को एक दिनी कलमबंद हड़ताल पर बाहर बैठे रहे। दफ्तरों में सन्नाटा रहा तो अफसरों को भी काम-काज में परेशानी हुई। अब 28 अप्रैल को भोपाल में घेराव किया जाएगा। हड़ताल के चलते निगम की सभी शाखाओं पर असर पड़ा। ज्यादातर शाखाओं में तो प्रभारी ही नजर आए। वित्त सहित स्थापना, लेखा जैसी महत्वपूर्ण शाखाओं में भी असर दिखाई दिया। कर्मचारियों के आंदोलन के तहत 28 अप्रैल को भोपाल में सचिवालय का घेराव किया जाएगा तथा 1 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी भी दी गई है।