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सहारा में अटके ग्रामीणों के 12 करोड़, गा्रमीण पहुंचे थाने

locationरतलामPublished: May 22, 2018 12:20:35 pm

Submitted by:

Nilesh Trivedi

सहारा में अटके ग्रामीणों के १२ करोड़, गा्रमीण पहुंचे थाने
दफ्तर पर ताल लगाकर फरार हुआ प्रबंधक

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सहारा में अटके ग्रामीणों के 12 करोड़, गा्रमीण पहुंचे थाने

रतलाम(नामली). क्षेत्र में सहारा इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने अपने 15०० एजेंटों के माध्यम से बचत के नाम पर ग्रामीणों को लालच में लेकर प्रतिमाह राशि एकत्रित की। अब जब उपभोक्ताओं की समय अवधि पूरी हो गई तो एजेंट राशि नहीं दिलवा पा रहे है। सहारा में इस क्षेत्र के हजारों ग्रामीणों के करीब १२ करोड़ रुपए अटक गए है और सहारा का प्रबंधक दफ्तर पर ताला लगाकर फरार हो गया। ग्रामीणों ने एजेंटांे पर दबाव बनाना शुरु किया तो एजेंटों ने थाने पहुंचकर पुलिस संरक्षण मांगा। इधर टीआई ने दो टुक कहा कि एजेंट ही इस मामले में मुख्य आरोपी है।
2012 मंे खुला था दफ्तर
9 जनवरी 2012 को सेमलिया रोड़ पर कार्यालय खुला था। नामली व आसपास ग्रामीणों से 20, 50, 100, 200 रुपए प्रतिदिन एजेंट के माध्यम से खाते खोलकर वसूली की गई और ग्रामीणों को बचत का लालच दिया। 7 से 8 वर्ष में इस कंपनी ने इस क्षेत्र के 1500 से अधिक एजेंट बनाते हुए लोगों से 12 करोड़ से अधिक रुपए इक_े कर लिए। अब जब समय अवधि समाप्त हो गई और पिछले एक वर्ष से ग्रामीण एजेंट से उनकी राशि लेने की मांग कर सहारा कार्यलय के चक्कर काट रहे है लेकिन राशि नही मिल पा रही और एक-दूसरे का बहाना बना कर खाता धारकों को परेशान कर रहे है। राधेश्याम कुमावत ने जब उनका खाता पूरा हुए एक वर्ष बीत गया और उनके एक लाख 16 हजार रुपए लेने कई दिनों से कार्यालय के चक्कर लगा रहा है लेकिन जवाब नही मिला। इस पर उन्हांेने अन्य लोगों को यह बताया। इसके बाद अन्य ग्राहक भी पिछले 4-5 दिनों से कार्यालय के चक्कर काट रहे है। वहा कर्मचारी संतोष जायसवाल ही मिल रहा है। संस्था प्रबंधक अनिल शर्मा ने आना ही बंद कर दिया। इसके बाद ग्राहको के आक्रोश को देख सभी एजेंट अपना बचाव करते हुए सहारा कंपनी के खिलाफ आए और पुलिस थाने पर पहुंचे। जहां टीआई आरसी कोली के समक्ष अपना पक्ष रखा और कहा कि राशि नहीं मिलने के कारण अब उपभोक्ता उनसे विवाद करने पर आमदा है। उन्हांेने कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर खाताधारकों को राशि दिलवाने की मांग की। इसी दौरान टीआई ने एजेंटों को फटकार लगाते हुए कहा कि कमीशन के लालच में गरीबो के रुपए कंपिनयों के हवाले कर रहे हो कंपनी को बाद में पहले एजेंट इसके जवाबदार है और वहीं आरोपी है। खाताधारको की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर एजेंटो से ही राशि वसूली जाएगी। सहारा के एजेंट दिलीप तलवाडिय़ा, महेश राठौड़, श्याम कसेरा, जयेश कश्यप, वरदीचंद पाटीदार सहित अन्य एजेंट मौजूद थे।
मामला कोर्ट में विचाराधीन है
हम कुछ नही कर सकते है, मामला कोर्ट में विचाराधीन है जब-तक मसला वहां से हल नहीं होता किसी को खाते के पैसे नहीं मिल सकते और हम भी कुछ नही कर सकते।
-लियाकत खान पठान, सेक्टर प्रबंधक, रतलाम सहारा इंडिया

सुरक्षा की मांग की है

बेरोजगार थे इसलिए सहारा में एजेंट के रुप में काम किया, लेकिन अब सहारा भुगतान नहीं कर पा रही है तो हमे खाता धारकों के आक्रोश का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए थाने में आवेदन देकर सुरक्षा की मांग की है।- दिलीप तलवाडिया, नामली
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