ट्रेन हो या रेलवे स्टेशन, यात्रियों को बीमारी में दवा के लिए परेशान होना पड़ता है। इस समय रतलाम रेलवे स्टेशन पर मास्टर के पास सामान्य रुप से फस्र्ट एड बॉक्स तो रहता है, लेकिन बुखार आदि से निजात दिला सके इसके लिए कोई दवा नहीं होती। पुस्तक की दुकान पर अक्सर दवाएं खत्म हो जाती है। एेसे में ट्रेन में सवार यात्री को सबसे अधिक परेशानी आती है।
फिलहाल तलाश रहे स्थान
रेलवे का वाणिज्य व मेडिकल विभाग प्लेटफॉर्म पर उस स्थान की तलाश कर रहा है, जहां पर दवा की दुकान को खोला जा सके। इसके लिए आसान पहुंच वाले स्थान की तलाश हो रही है। इस समय एक व दो नंबर प्लेटफॉर्म तो काफी स्थान है, लेकिन 4 से लेकर 6 नंबर तक स्थान की कमी है। एेसे में रेलवे की प्राथमिकता भी इन तीन प्लेटफॉर्म पर ही दवा की दुकान खोलने की है जहां यात्री ट्रेनों की आवाजाही अधिक होती है।
रेलवे का वाणिज्य व मेडिकल विभाग प्लेटफॉर्म पर उस स्थान की तलाश कर रहा है, जहां पर दवा की दुकान को खोला जा सके। इसके लिए आसान पहुंच वाले स्थान की तलाश हो रही है। इस समय एक व दो नंबर प्लेटफॉर्म तो काफी स्थान है, लेकिन 4 से लेकर 6 नंबर तक स्थान की कमी है। एेसे में रेलवे की प्राथमिकता भी इन तीन प्लेटफॉर्म पर ही दवा की दुकान खोलने की है जहां यात्री ट्रेनों की आवाजाही अधिक होती है।
2 वर्ष पहले बनी थी योजना
बता दे कि रेलवे ने दो वर्ष पूर्व स्टेशन पर दवा की दुकान व एटीमए की सुविधा यात्रियों को देने की योजना बनाई थी। इसके बाद से एटीएम तो खुले व बंद भी हो गए, लेकिन दवा की दुकान की योजना आकार ही नहीं ले पाई। एेसे में अब जबकि चुनाव करीब है तो रेलवे को अपनी दो वर्ष पूर्व योजना की याद आई है। इसके लिए मंडल के रतलाम, इंदौर, उज्जैन, चित्तौडग़ढ़ व नागदा स्टेशन पर योजना की शुरुआत में इसको खोला जाना तय किया गया है। रेलवे के अधिकारियों के अनुसार नियम अनुसार स्टॉल का लाईसेंस लेकर व्यक्ति जिसके पासा फॉर्मास्टिक का लाईसेंस हो, उसको स्टॉल खोलने की अनुमती दी जाएगी।
बता दे कि रेलवे ने दो वर्ष पूर्व स्टेशन पर दवा की दुकान व एटीमए की सुविधा यात्रियों को देने की योजना बनाई थी। इसके बाद से एटीएम तो खुले व बंद भी हो गए, लेकिन दवा की दुकान की योजना आकार ही नहीं ले पाई। एेसे में अब जबकि चुनाव करीब है तो रेलवे को अपनी दो वर्ष पूर्व योजना की याद आई है। इसके लिए मंडल के रतलाम, इंदौर, उज्जैन, चित्तौडग़ढ़ व नागदा स्टेशन पर योजना की शुरुआत में इसको खोला जाना तय किया गया है। रेलवे के अधिकारियों के अनुसार नियम अनुसार स्टॉल का लाईसेंस लेकर व्यक्ति जिसके पासा फॉर्मास्टिक का लाईसेंस हो, उसको स्टॉल खोलने की अनुमती दी जाएगी।