सीएम हेल्पलाइन पर की गई शिकायतों में कुछ सरपंच-सचिवों द्वारा ग्रामीणों के काम न करते हुए उनसे रुपयों की मांग करने सहित अन्य कई तरह की शिकायतें शामिल है। सीएम हेल्पलाइन के पोर्टल पर जिला पंचायत की 750 से अधिक शिकायतें दर्ज है। अब तक शिकायतों का निराकरण करने में जिला पंचायत अव्वल आता रहा है। यहां शिकायत दर्ज होने के बाद तत्काल उनका निराकरण किया जा रहा है, लेकिन भोपाल में पहुंची 31 शिकायतों को लेकर वहां से जवाब तलब होने जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सोमेश मिश्रा ने इस काम के लिए अब पूरे अमले को लगा रहे है।
तत्काल बुलाई बैठक
जिपं सीईओ ने शिकायतों के निराकरण के लिए मंगलवार को जिले की सभी जनपद पंचायतों में पदस्थ जनपद पंचायत अधिकारी, विकासखंड अधिकारी, पंचायत समन्वयक सहित योजनओं से जुडे़ अधिकारियों को बुलाया है। बैठक बुलाए जाने के पीछे उद्देश्य भोपाल पहुंची शिकायतों के फिर से रतलाम आने के बाद अब उनके निराकरण के लिए उक्त सभी अधिकारियों को लगाया जाएगा, जो कि व्यक्तिगत रूप से संबंधित शिकायतकर्ता से मिलकर उसकी शिकायत का मौके पर निराकरण कर हेल्पलाइन से शिकायत कटवाएंगे।
जिपं सीईओ ने शिकायतों के निराकरण के लिए मंगलवार को जिले की सभी जनपद पंचायतों में पदस्थ जनपद पंचायत अधिकारी, विकासखंड अधिकारी, पंचायत समन्वयक सहित योजनओं से जुडे़ अधिकारियों को बुलाया है। बैठक बुलाए जाने के पीछे उद्देश्य भोपाल पहुंची शिकायतों के फिर से रतलाम आने के बाद अब उनके निराकरण के लिए उक्त सभी अधिकारियों को लगाया जाएगा, जो कि व्यक्तिगत रूप से संबंधित शिकायतकर्ता से मिलकर उसकी शिकायत का मौके पर निराकरण कर हेल्पलाइन से शिकायत कटवाएंगे।
300 दिन से अधिक लंबित है शिकायतें
जिन शिकायतों के निराकरण के लिए सीईओ ने यह बैठक बुलाई है उसमें पंचायत राज, पीएम आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास, मनरेगा, स्वच्छ भारत मिशन, सामाजिक न्याय, पेंशन प्रकरण सहित कुछ और मामले शामिल है। इन सबसे जुड़ी उक्त शिकायतों का निराकरण करीब दस माह बाद भी नहीं हो सका है। एेसे में सरकार ने 300 दिन से अधिक लंबित उक्त शिकातयों के निराकरण के अब नीचले स्तर पर अधिकारियों की जवाबदेही तय की है। उक्त शिकायतों की वस्तु स्थिति का पता लगाने के लिए मुख्यमंत्री स्वयं अगले माह समाधान ऑनलाइन की बैठक भी लेंगे, जिसमें इनकी जानकारी देना है।
जिन शिकायतों के निराकरण के लिए सीईओ ने यह बैठक बुलाई है उसमें पंचायत राज, पीएम आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास, मनरेगा, स्वच्छ भारत मिशन, सामाजिक न्याय, पेंशन प्रकरण सहित कुछ और मामले शामिल है। इन सबसे जुड़ी उक्त शिकायतों का निराकरण करीब दस माह बाद भी नहीं हो सका है। एेसे में सरकार ने 300 दिन से अधिक लंबित उक्त शिकातयों के निराकरण के अब नीचले स्तर पर अधिकारियों की जवाबदेही तय की है। उक्त शिकायतों की वस्तु स्थिति का पता लगाने के लिए मुख्यमंत्री स्वयं अगले माह समाधान ऑनलाइन की बैठक भी लेंगे, जिसमें इनकी जानकारी देना है।