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बच्चों का भविष्य कहीं बिगाड़ न दे प्राचार्यो का वर्तमान, वेतनवृद्धि पर आ सकता है संकट

locationरतलामPublished: Oct 03, 2018 05:43:51 pm

Submitted by:

harinath dwivedi

बच्चों का भविष्य कहीं बिगाड़ न दे प्राचार्यो का वर्तमान, वेतनवृद्धि पर आ सकता है संकट

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बच्चों का भविष्य कहीं बिगाड़ न दे प्राचार्यो का वर्तमान, वेतनवृद्धि पर आ सकता है संकट

ग्रेडवार बताना पड़ेगा कि किस ग्रेड में कितने बच्चे होंगे, १० फीसदी से ज्यादा का अंतर आया तो रुकेगी वेतनवृद्धि

रतलाम. प्राइवेट स्कूलों के मुकाबले बोर्ड कक्षाओं का बेहतर परीक्षा परिणाम देने और विद्यार्थियों की शिक्षा में गुणवत्ता सुधार के लिए राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा मिशन शिक्षकों पर शिकंजा कसने जा रहा है। इस साल प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों के शिक्षकों और प्राचार्य को अभी से यह बताना होगा कि उनके स्कूल का बोर्ड परीक्षा का परिणाम कितना रहेगा। यही नहीं कितने बच्चे किस ग्रेड में आएंगे और कितने फीसदी परिणाम रहेगा। यह लिखित में हर स्कूल से लिया जा रहा है और इससे १० फीसदी कम या उससे भी ज्यादा कम परिणाम आते हैं तो संबंधित शिक्षकों को वेतनवृद्धियां रोकने से लेकर विभागीय जांच तक का दंड मिलना तय है। इसे लेकर आयुक्त लोक शिक्षण जयश्री कियावत ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को ताकीद कर दिया है।
हर एक की तय होगी भूमिका
परिणामों को बढ़ाने और गुणवत्ता सुधारने के लिए लागू की जा रही इस योजना में हर एक शख्श की भूमिका तय होगी। शिक्षक से लेकर प्राचार्य, कक्षाध्यापक और जिले के विभागीय अधिकारियों की भी जिम्मेदारी तय करके उसकी मानिटरिंग की जाएगी। आयुक्त लोक शिक्षण की तरफ से जारी किए गए निर्देशों में इस बात का भी उल्लेख किया गया कि अब तक जिम्मेदारी तय नहीं होने से गुणवत्ता और परिणामों में सुधार नहीं हुआ है।
उत्कृष्ट और मॉडल स्कूल के लिए श्रेणियां
श्रेणी १ – (ए प्लस) – ९० फीसदी या इससे अधिक अंक लाने का लक्ष्य निर्धारित करने वाले विद्यार्थियों की संख्या।
श्रेणी २ (ए) – ८० से ८९ फीसदी तक अंक लाने का लक्ष्य निर्धारित करने वाले विद्यार्थियों की संख्या।
श्रेणी ३ (बी) – ७० से ७९ फीसदी तक अंक लाने का लक्ष्य निर्धारित करने वाले विद्यार्थियों की संख्या।
श्रेणी ४ (सी) – ६० से ६९ फीसदी तक अंक लाने का लक्ष्य निर्धारित करने वाले विद्यार्थियों की संख्या।
अन्य विद्यालयों के लिए श्रेणियां
श्रेणी १ – (ए प्लस) – ८० फीसदी या इससे अधिक अंक लाने का लक्ष्य निर्धारित करने वाले विद्यार्थियों की संख्या।
श्रेणी २ (ए) – ६० से ७९ फीसदी तक अंक लाने का लक्ष्य निर्धारित करने वाले विद्यार्थियों की संख्या।
श्रेणी ३ (बी) – ४५० से ५९ फीसदी तक अंक लाने का लक्ष्य निर्धारित करने वाले विद्यार्थियों की संख्या।
श्रेणी ४ (सी) – ३३ से ४४ फीसदी तक अंक लाने का लक्ष्य निर्धारित करने वाले विद्यार्थियों की संख्या।
लक्ष्य पूर्ति नहीं तो यह कार्रवाई
लक्ष्य में १० फीसदी की कमी —————– कोई कार्रवाई नहीं होगी।
लक्ष्य से ११ से २० फीसदी की कमी पर ——— एक वेतनवृद्धि संचयी प्रभाव से रोकना।
लक्ष्य से २१ से ४० फीसदी की कमी पर ——— दो वेतनवृद्धि संचयी प्रभाव से रोकना।
लक्ष्य से ४० फीसदी से अधिक की कमी पर —— विभागीय जांच स्थापित करके अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।
प्रोत्साहन भी मिलेगा लक्ष्य पूर्ति पर
– लक्ष्य की पूर्ति करने वाले संभागीय संयुक्त संचालकों, जिला शिक्षा अधिकारी, प्राचार्यों और शिक्षकों को उत्कृष्ट सलेवा के लिए समारोहपूर्व प्रशस्ति पत्र प्रदान किए जाएंगे।
– हिंदी एवं संस्कृत विषय के शिक्षकों को प्रोत्साहन के लिए ए प्लस और ए ग्रेड के विद्यार्थियों के लक्ष्य की पूर्ति को आधार माना जाएगा।
– अन्य विषयों के शिक्षकों को प्रोत्साहन के लिए सक्षी श्रेणी के लक्ष्य की पूर्ति को आधार माना जाएगा।
– लक्ष्य की शतप्रतिशत पूर्ति करने वाले शिक्षकों को शिक्षक दिवस पर दिए जाने वाले पुरस्कारों में प्राथमिकता दी जाएगी।
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