राशन घोटाले में पुलिस के हाथ अब तक मुख्य आरोपियों में शामिल ठेकेदार रहे यशवंत गंग तक नहीं पहुंच सके है। पुलिस की माने तो वह उसे तलाश रही है, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चल पा रहा है। इतने बड़े घोटाले में ठेकेदार की अब तक गिरफ्तारी नहीं होने से पुलिस की कार्रवाई पर भी अब सवाल उठने लगे है। यशवंत की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस अब भी अपना वहीं राग अलाप रही है कि वह जल्द उसे गिरफ्तार कर लेगी।
घटना के बाद से यशवंत अपने परिजनों से भी नहीं कर रहा बात
पुलिस की माने तो घटना के बाद से यशवंत अपने परिजनों से भी बात नहीं कर रहा है, जिससे उसका मोबाइल टे्रस कर उसे पकड़ा जा सके। राजेंद्र सिंह को पुलिस ने करीब डेढ़ माह पहले तिरूपति नगर स्थित उसके घर से गिरफ्तार किया था। इतने बडे़ घोटाले में पहली गिरफ्तारी ही उसकी हुई थी, उसके अतिरिक्त अन्य सभी अधिकारी अग्रिम जमानत का लाभ लेकर फिलहाल बच निकले है।
पुलिस की माने तो घटना के बाद से यशवंत अपने परिजनों से भी बात नहीं कर रहा है, जिससे उसका मोबाइल टे्रस कर उसे पकड़ा जा सके। राजेंद्र सिंह को पुलिस ने करीब डेढ़ माह पहले तिरूपति नगर स्थित उसके घर से गिरफ्तार किया था। इतने बडे़ घोटाले में पहली गिरफ्तारी ही उसकी हुई थी, उसके अतिरिक्त अन्य सभी अधिकारी अग्रिम जमानत का लाभ लेकर फिलहाल बच निकले है।
इनका कहना है
निरस्त हुई जमानत
– प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारी राजेंद्रसिंह के साथ ही रवींद्र ठक्कर की जमानत भी हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। एेसे में अब जल्द ही ठक्कर को तलाश कर गिरफ्तार किया जाएगा। वहीं फरार चल रहे ठेकेदार के घर पर कई बार टीम को भेजा गया, लेकिन उसका अब तक पता नहीं चल सका है। जल्द ही उसकी तलाश कर उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
अजय सारवान, निरीक्षक, थाना स्टेशन रोड
निरस्त हुई जमानत
– प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारी राजेंद्रसिंह के साथ ही रवींद्र ठक्कर की जमानत भी हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। एेसे में अब जल्द ही ठक्कर को तलाश कर गिरफ्तार किया जाएगा। वहीं फरार चल रहे ठेकेदार के घर पर कई बार टीम को भेजा गया, लेकिन उसका अब तक पता नहीं चल सका है। जल्द ही उसकी तलाश कर उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
अजय सारवान, निरीक्षक, थाना स्टेशन रोड