जनसैलाब के साथ सैन्य अफसर, प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधि भी मौजूद थे।
वहीं, शहीद की पत्नी ने तिरंगा चूमकर कहा कि हर उम्र में आप बने जीवन साथी।
शहीद की मां जब जनसैलाब के बीच आई तो आंख में आंसू के बावजूद चेहरे पर बेटे की शहादत का नूर चमक रहा था, मां ने बेटे को सलामी भी दी।
शहीद लेफ्टिनेंट कमांडर धर्मेन्द्र सिंह चौहान
बहन और परिजनों ने भी इस मौके पर साहस दिखाकर अपने आंसूओं की धारा रोकी।
करीब एक घंटे तक कॉलोनी में उनके निवास के बाहर शहर के सैकड़ों लोगों ने नम आंखो से शहीद की बहादुरी पर शीश नवाया।
महू आर्मी के सैन्य वाहन में पार्थिव देह को विशेष सजावट के साथ लाया गया।
करीब तीन घंटे से ज्यादा वक्त तक शौर्य यात्रा के दौरान भारी जनसैलाब नजर आया।