प्रकरण की जांच के बाद कलेक्टर की और नगरीय प्रशासन विकास विभाग को भेजे गए प्रतिवेदन के आधार पर सह आयुक्त निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद पिपलौदा द्वारा अनियमितता करने, पदीय कत्र्तव्यों का समयक निर्वहन नहींं करने के कारण म.प्र.न.पा.अधि. 1961 की धारा 86 म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण नियत्रंण तथा अपील) नियम 1961 तथा मप्रनपा सेवा (कार्यपालन) नियम 1973 के नियम 36 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है। निलंबन अवधि में श्रीमती गरवाल का मुख्यालय संभागीय कार्यालय उज्जैन रहेगा।
– पिपलौदा नपं क्षेत्र 360 हितग्राहियों का भवन अनुज्ञा शुल्क माफ किए जाने के मामले में नगर परिषद ने संकल्प पारित किया था। मगर सीएमओ गरवाल ने इस मामले में रुचि नहीं दिखाई।
– निकाय में भवन अनुज्ञा के लिए अधिकृत रूप से तीन कन्सलटेंट नियुक्त किए थे। इनमें विशाल, जावेद खान और अब्दुल रजाक शामिल है। अब्दुल रजाक ने हितग्राहियों से 4000-4000 हजार रुपए वसूले थे।
– तहसीलदार पिपलौदा के प्रतिवेदन में भी स्पष्ठ हुआ है कि इस पूरे प्रकरण में अब्दुल रजाक व सीएमओ आरती गरवाल संयुक्त रूप से दोषी है। ऐसे में गरवाल को निलंबित कर अब्दुल रज्जाक का नाम ब्लैक लिस्ट में डाला जाना चाहिए।