अचानक एसडीएम व तहसीलदार
शुक्रवार की दोपहर को अचानक ही एसडीएम शहर धोटे और उनके मातहत नगर निगम पहुंचे। उनके साथ तहसीलदार के साथ ही पटवारियों की टीम भी थी। यहां उन्होंने सिटी इंजीनियर सुरेशचंद्र व्यास के कक्ष में बैठकर योजना और हितग्राहियों से जुड़े दस्तावेजों को खंगाला और एक-एक करके फाइलें अपने कब्जे में लेते गए। फाइलों की सूची बनाकर इन्हें एक बस्ते में बांधा और इन फाइलों की सूची बनाकर सिटी इंजीनियर को सौंपते हुए बताया कि कितनी फाइलें कब्जे में ली गई है। अचानक ही एसडीएम और तहसीलदार की टीम के नगर निगम में पहुंचने से हड़कंप की स्थिति बन गई।
शुक्रवार की दोपहर को अचानक ही एसडीएम शहर धोटे और उनके मातहत नगर निगम पहुंचे। उनके साथ तहसीलदार के साथ ही पटवारियों की टीम भी थी। यहां उन्होंने सिटी इंजीनियर सुरेशचंद्र व्यास के कक्ष में बैठकर योजना और हितग्राहियों से जुड़े दस्तावेजों को खंगाला और एक-एक करके फाइलें अपने कब्जे में लेते गए। फाइलों की सूची बनाकर इन्हें एक बस्ते में बांधा और इन फाइलों की सूची बनाकर सिटी इंजीनियर को सौंपते हुए बताया कि कितनी फाइलें कब्जे में ली गई है। अचानक ही एसडीएम और तहसीलदार की टीम के नगर निगम में पहुंचने से हड़कंप की स्थिति बन गई।
अपात्रों को जारी की थी राशि
सेडमैप के माध्यम से नगर निगम को मिली सूची में १३ अपात्रों के नाम भी थे। इन सभी 13 हितग्राहियों को नगर निगम की तरफ से पीएम आवास योजना में 1-1 लाख रुपए खाते में जारी कर दिए गए। पात्रों के नाम जुडऩे के दौरान जो खाता नंबर दिया जाता है उन खाता नंबरों में परिवर्तन कर दिया गया और अपात्रों के खाता नंबर जोड़ दिए गए। निगम के जिम्मेदारों ने भी बदले गए खाता नंबरों की जांच नहीं की और राशि जारी कर दी। बाद में इसका भंडाफोड़ होने पर हड़कंप मचा और इनसे राशि वसूली की प्रक्रिया शुरू हुई। आठ लोग अपने खातों में आई राशि जमा करवा चुके हैं।
पत्रिका ने उठाया था सबसे पहले
फर्जी पते देकर पीएम आवास योजना का लाभ लेने का मामला सबसे पहले पत्रिका ने ही 12 जून को उजागर किया था। इसके बाद निगम के अधिकारियों ने जांच की तो वास्तव में फर्जी और अपात्र १३ लोगों के खातों में राशि जारी करने की बात पकड़ में आई। पत्रिका लगातार इस मामले को उठाता रहा और कलेक्टर ने इस पर संज्ञान लेते हुए निगम आयुक्त और सिटी इंजीनियर को नोटिस जारी किया था। बाद में मामला ठंडे बस्ते में चला गया और फिर चुनाव आचार संहिता की वजह से कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। अब आचार संहिता हट चुकी है और प्रदेश में नई सरकार आ गई है तो यह मामला फिर से सूर्खियों में आ गया है।
सेडमैप के माध्यम से नगर निगम को मिली सूची में १३ अपात्रों के नाम भी थे। इन सभी 13 हितग्राहियों को नगर निगम की तरफ से पीएम आवास योजना में 1-1 लाख रुपए खाते में जारी कर दिए गए। पात्रों के नाम जुडऩे के दौरान जो खाता नंबर दिया जाता है उन खाता नंबरों में परिवर्तन कर दिया गया और अपात्रों के खाता नंबर जोड़ दिए गए। निगम के जिम्मेदारों ने भी बदले गए खाता नंबरों की जांच नहीं की और राशि जारी कर दी। बाद में इसका भंडाफोड़ होने पर हड़कंप मचा और इनसे राशि वसूली की प्रक्रिया शुरू हुई। आठ लोग अपने खातों में आई राशि जमा करवा चुके हैं।
पत्रिका ने उठाया था सबसे पहले
फर्जी पते देकर पीएम आवास योजना का लाभ लेने का मामला सबसे पहले पत्रिका ने ही 12 जून को उजागर किया था। इसके बाद निगम के अधिकारियों ने जांच की तो वास्तव में फर्जी और अपात्र १३ लोगों के खातों में राशि जारी करने की बात पकड़ में आई। पत्रिका लगातार इस मामले को उठाता रहा और कलेक्टर ने इस पर संज्ञान लेते हुए निगम आयुक्त और सिटी इंजीनियर को नोटिस जारी किया था। बाद में मामला ठंडे बस्ते में चला गया और फिर चुनाव आचार संहिता की वजह से कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। अब आचार संहिता हट चुकी है और प्रदेश में नई सरकार आ गई है तो यह मामला फिर से सूर्खियों में आ गया है।
फाइलें जांच के लिए लाए
नगर निगम से पीएम आवास योजना में १३ अपात्रों को राशि जारी करने के मामले में जो भी फाइलें थी उन्हें जांच के लिए लाए हैं। इनकी गहनता से जांच की जा रही है और जांच के बाद जो भी निष्कर्ष निकलेगा उसके अनुसार कार्रवाई होगी।
राहुल धोटे, एसडीएम, रतलाम शहर
पीएम आवास की फाइलें ले गए
पीएम आवास की फाइलें एसडीएम और तहसीलदार अपने साथ ले गए हैं। १३ अपात्रों को राशि देने के मामले में जांच की जा रही है। दस्तावेज उनके सुपुर्द किए गए हैं।
सुरेशचंद्र व्यास, सिटी इंजीनियर, नगर निगम
नगर निगम से पीएम आवास योजना में १३ अपात्रों को राशि जारी करने के मामले में जो भी फाइलें थी उन्हें जांच के लिए लाए हैं। इनकी गहनता से जांच की जा रही है और जांच के बाद जो भी निष्कर्ष निकलेगा उसके अनुसार कार्रवाई होगी।
राहुल धोटे, एसडीएम, रतलाम शहर
पीएम आवास की फाइलें ले गए
पीएम आवास की फाइलें एसडीएम और तहसीलदार अपने साथ ले गए हैं। १३ अपात्रों को राशि देने के मामले में जांच की जा रही है। दस्तावेज उनके सुपुर्द किए गए हैं।
सुरेशचंद्र व्यास, सिटी इंजीनियर, नगर निगम