नगर निगम से प्रधानमंत्री (पीएम) आवास योजना के हितग्राहियों को किस्तें जारी करने में की गई गड़़बड़ी के मामले में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) उज्जैन ने प्रकरण दर्ज कर लिया है। इसके लिए ईओडब्ल्यू ने जांच अधिकारी भी नियुक्त कर दिया है। इस मामले की शिकायत रतलाम के एडवोकेट अमित पांचाल ने की थी। ईओडब्ल्यू में प्रकरण दर्ज होने के बाद इस योजना से जुड़े निगम के अधिकारियों और इसके दोषियों के बीच हड़कंप की स्थिति है। मामले में फरियादी और निगम के जिम्मेदारों को बयान दर्ज करने के लिए 12 नवंबर को उज्जैन बुलाया है।
पीएम आवास योजना में अपात्रों को लाभ पहुचाने के मामले में एक हितग्राही की तरफ से एडवोकेट अमित पांचाल ने उज्जैन में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में शिकायत भेजकर इसके जिम्मेदारों पर कार्रवाई करने की मांग की थी। ईओडब्ल्यू ने इस शिकायत को अपने यहां दर्ज कर लिया है। अब इस मामले में कथन देने के लिए फरियादी और जिम्मेदारों को तलब किया है। मिली जानकारी के अनुसार आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ की उज्जैन इकाई के उप पुलिस अधीक्षक अजय केथवास को जांच अधिकारी बनाया गया है। केथवास भारत सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना की आड़ में हुए भ्रष्टाचार से जुड़ी शिकायतों की जांच करते हुए मामले में शामिल लोगों के बयान दर्ज करेंगे। प्रकरण में पूछताछ और कथन लेने की कार्रवाई 12 नवम्बर होना बताई जा रही है।
यह है पूरा मामला शहर के गरीबों को पीएम आवास किस्त जारी करने को लेकर निगम के कतिपय जिम्मेदारों ने सेडमैप के एक कर्मचारी की मदद से दूसरे लोगों के खातों में पैसा जारी करके रकम निकाल ली। असल हितग्राहियों के नाम से जारी यह राशि दूसरों के खातों में जाने की जानकारी सामने आने के बाद प्रारंभिक रूप से जिम्मेदारों ने इंजीनियर्स महेंद्र जैन और सुहास पंडित को सस्पेंड कर दिया था। मामले में कोई दीपक कुमावत के खिलाफ कायमी की गई तो कुमावत के परिजनों ने उसे निर्दोष बताते हुए बड़े अधिकारियों के भी इस मामले में शामिल होने की संभावनाएं बताई है। पत्रिका ने ही इस मामले को सबसे पहले उजागर किया था।