यह भी पढे़ं -VIDEO एमपी के इस शहर में बंगाल जैसे हालात, एक माह में चार बार लाठीचार्ज धरना आंदोलन की शुरुआत सुबह 10 बजे बाद हुई। इसमे जिला भाजपा अध्यक्ष राजेंद्र ङ्क्षसह लुनेरा, महामंत्री प्रदीप उपाध्याय, मनोहर पोरवाल, महापौर डॉ. सुनीता यार्दे, विधायक चेतन्य काश्यप, पूर्व मंत्री हिम्मत कोठारी, पूर्व महापौर शैलेेंद्र डागा सहित बड़ी संख्या में पदाधिकारी व कार्यकर्ता शामिल हुए। धरने में पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज की घटना का जमकर विरोध किया गया।
यह भी पढे़ं -ECLIPSE 2019 ग्रहण के दिन बदलेगी राहु की चाल, ये राशि वाले रहे सावधान लगातार चल रहे प्रदर्शन अभाविप व भाजयुमो कार्यकर्ताओं पर सोमवार की रात को लाठीचार्ज व कपड़े उतरवाकर बंदीगृह में बैठाने के मामले में मंगलवार को परिषद के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने जमकर प्रदर्शन किया। कार्यकर्ता जिला अस्पताल में कलेक्टर रुचिका चौहान को बुलाकर दोषियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे, जब वे नहीं आई तो कार्यकर्ता भड़क गए और फिर अस्पताल से लेकर शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय तक जमकर प्रदर्शन किया गया। बाद में यहां एक स्थान पर ज्ञापन चिपकाकर विरोध दर्ज कराकर चले गए।
यह भी पढे़ं -सिर्फ दस रुपए कीमत का एक पौधा दूर करेगा आपके ग्रह के दोष दूर बाद में पहुंचे भाजपा कार्यकर्ता छात्र संगठन के पदाधिकारियों ने बताया कि सोमवार की रात को पुलिस ने दबाव बनाकर घायल युवकों की अस्पताल से छुट्टी करा दी थी लेकिन देर रात इनकी फिर से तबीयत बिगड़ी तो परिजन अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां पर कृष्णा डिंडोर व हार्दिक मेहता को भर्ती किया गया है। इसकी सूचना सुबह भाजपाइयों को मिली तो फिर से सभी लोग जिला अस्पताल पहुंचने लगे। इस बीच दोपहर करीब 1 बजे अभाविप के क्षेत्रीय संगठन मंत्री चेतस सुखेडि़या अस्पताल पहुंचे और कलेक्टर को फोन कर अस्पताल बुलाया। कलेक्टर ने एसडीएम शहर लक्ष्मी गामड़ को भेज दिया, जिससे नाराज कार्यकर्ताआें ने उनसे बात करने से इनकार कर वापस लौटा दिया।
यह भी पढे़ं -ASTRO TIPS संतान को तन, मन व धन का लाभ देता है ये एक मंत्र, प्रतिदिन करने से होता है हर काम आसान ये हुआ था मंगलवार को अभाविप के पदाधिकारियों के बुलावे पर जब कलेक्टर अस्पताल नहीं पहुंची तो नाराज कार्यकर्ताओं ने पुलिस-प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाना शुरू कर दिया। उसके बाद ये लोग जुलूस के रूप में जिला अस्पताल के गेट पर पहुंचे और सड़क पर बैठ नारेबाजी करते हुए धरना दिया। कलेक्टर के नहीं आने के बाद कार्यकर्ता उठकर शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय के गेट पर धरने पर बैठे गए। मामला हाथ से निकलता देख पुलिस ने और फोर्स बुला लिया। प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं को कुछ अधिकारियों ने समझाने का प्रयास किया तो कार्यकर्ताओं ने कॉलेज के सामने अहिंसा के प्रतिक चिन्ह पर ज्ञापन चिपका दिया।
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परिषद के क्षेत्रीय संगठन मंत्री चेतस सुखेडि़या ने आरोप लगाते हुए कहा कि रात को थाने में बंद किए कार्यकर्ताओं को बंदी गृह में डालने के बाद लाइट बंद कर कपड़े उतरवाकर बर्बर पिटाई की। निजी अंगों पर भी चोट पहुंचाई गई। बाद में मेहताब से कृष्णा का पूरा नाम पूछा तो उसने कृष्णा डिंडोर बताकर आदिवासी नेता होना बताया था। ये सुनने के बाद सीएसपी ने स्वयं को ठाकुर बताते हुए उससे अभद्रता की और जूते पर नाक रगड़ाकर अपमानित किया।
परिषद के क्षेत्रीय संगठन मंत्री चेतस सुखेडि़या ने आरोप लगाते हुए कहा कि रात को थाने में बंद किए कार्यकर्ताओं को बंदी गृह में डालने के बाद लाइट बंद कर कपड़े उतरवाकर बर्बर पिटाई की। निजी अंगों पर भी चोट पहुंचाई गई। बाद में मेहताब से कृष्णा का पूरा नाम पूछा तो उसने कृष्णा डिंडोर बताकर आदिवासी नेता होना बताया था। ये सुनने के बाद सीएसपी ने स्वयं को ठाकुर बताते हुए उससे अभद्रता की और जूते पर नाक रगड़ाकर अपमानित किया।