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VIDEO पुलिस ने जूते पर रगड़ाई नाक, कार्यकर्ताओं को पीटा

locationरतलामPublished: Jun 26, 2019 12:27:44 pm

Submitted by:

Ashish Pathak

पुलिस ने जूते पर रगड़ाई नाक, कार्यकर्ताओं को पीटा। इसके बाद से ही भाजपाई अधिक नाराज है।

BJP

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रतलाम। एबीवीपी कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज के विरोध में भाजपा कार्यकर्ताओं ने बुधवार को दो बत्ती पर धरना आंदोलन शुरू कर दिया है। इस मामले में एक दिन पूर्व ही कॉलेज रोड पर चक्काजाम किया गया था। धरने में जिले के भाजपा से जुडे़ विधायक सहित वरिष्ठ नेता शामिल हुए है। कार्यकर्ताओं की मांग है कि लाठीचार्ज करने वाले पुलिस कर्मचारियों को निलंबीत किया जाए। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि पुलिस ने जूते पर रगड़ाई नाक, कार्यकर्ताओं को पीटा। इसके बाद से ही भाजपाई अधिक नाराज है।
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धरना आंदोलन की शुरुआत सुबह 10 बजे बाद हुई। इसमे जिला भाजपा अध्यक्ष राजेंद्र ङ्क्षसह लुनेरा, महामंत्री प्रदीप उपाध्याय, मनोहर पोरवाल, महापौर डॉ. सुनीता यार्दे, विधायक चेतन्य काश्यप, पूर्व मंत्री हिम्मत कोठारी, पूर्व महापौर शैलेेंद्र डागा सहित बड़ी संख्या में पदाधिकारी व कार्यकर्ता शामिल हुए। धरने में पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज की घटना का जमकर विरोध किया गया।
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लगातार चल रहे प्रदर्शन

अभाविप व भाजयुमो कार्यकर्ताओं पर सोमवार की रात को लाठीचार्ज व कपड़े उतरवाकर बंदीगृह में बैठाने के मामले में मंगलवार को परिषद के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने जमकर प्रदर्शन किया। कार्यकर्ता जिला अस्पताल में कलेक्टर रुचिका चौहान को बुलाकर दोषियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे, जब वे नहीं आई तो कार्यकर्ता भड़क गए और फिर अस्पताल से लेकर शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय तक जमकर प्रदर्शन किया गया। बाद में यहां एक स्थान पर ज्ञापन चिपकाकर विरोध दर्ज कराकर चले गए।

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बाद में पहुंचे भाजपा कार्यकर्ता

छात्र संगठन के पदाधिकारियों ने बताया कि सोमवार की रात को पुलिस ने दबाव बनाकर घायल युवकों की अस्पताल से छुट्टी करा दी थी लेकिन देर रात इनकी फिर से तबीयत बिगड़ी तो परिजन अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां पर कृष्णा डिंडोर व हार्दिक मेहता को भर्ती किया गया है। इसकी सूचना सुबह भाजपाइयों को मिली तो फिर से सभी लोग जिला अस्पताल पहुंचने लगे। इस बीच दोपहर करीब 1 बजे अभाविप के क्षेत्रीय संगठन मंत्री चेतस सुखेडि़या अस्पताल पहुंचे और कलेक्टर को फोन कर अस्पताल बुलाया। कलेक्टर ने एसडीएम शहर लक्ष्मी गामड़ को भेज दिया, जिससे नाराज कार्यकर्ताआें ने उनसे बात करने से इनकार कर वापस लौटा दिया।
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ये हुआ था मंगलवार को

अभाविप के पदाधिकारियों के बुलावे पर जब कलेक्टर अस्पताल नहीं पहुंची तो नाराज कार्यकर्ताओं ने पुलिस-प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाना शुरू कर दिया। उसके बाद ये लोग जुलूस के रूप में जिला अस्पताल के गेट पर पहुंचे और सड़क पर बैठ नारेबाजी करते हुए धरना दिया। कलेक्टर के नहीं आने के बाद कार्यकर्ता उठकर शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय के गेट पर धरने पर बैठे गए। मामला हाथ से निकलता देख पुलिस ने और फोर्स बुला लिया। प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं को कुछ अधिकारियों ने समझाने का प्रयास किया तो कार्यकर्ताओं ने कॉलेज के सामने अहिंसा के प्रतिक चिन्ह पर ज्ञापन चिपका दिया।
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madhya pradesh
कार्यकर्ताओं को पीटा
परिषद के क्षेत्रीय संगठन मंत्री चेतस सुखेडि़या ने आरोप लगाते हुए कहा कि रात को थाने में बंद किए कार्यकर्ताओं को बंदी गृह में डालने के बाद लाइट बंद कर कपड़े उतरवाकर बर्बर पिटाई की। निजी अंगों पर भी चोट पहुंचाई गई। बाद में मेहताब से कृष्णा का पूरा नाम पूछा तो उसने कृष्णा डिंडोर बताकर आदिवासी नेता होना बताया था। ये सुनने के बाद सीएसपी ने स्वयं को ठाकुर बताते हुए उससे अभद्रता की और जूते पर नाक रगड़ाकर अपमानित किया।
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