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प्रयागराज महाकुंभ: अखंड ज्ञान आश्रम के संचालक स्वामी देवस्वरूपानंद महाराज भी भक्तों के साथ हुए शामिल

locationरतलामPublished: Feb 11, 2019 06:00:30 pm

Submitted by:

Yggyadutt Parale

प्रयागराज महाकुंभ: अखंड ज्ञान आश्रम के संचालक स्वामी देवस्वरूपानंद महाराज भी भक्तों के साथ हुए शामिल

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प्रयागराज महाकुंभ: अखंड ज्ञान आश्रम के संचालक स्वामी देवस्वरूपानंद महाराज भी भक्तों के साथ हुए शामिल

रतलाम। प्रयागराज कुम्भ में बसंत पंचमी पर अंतिम शाही स्नान में महामंडलेश्वर स्वामी चिदम्बरानन्द सरस्वती महाराज के सानिध्य में रतलाम सहित सम्पूर्ण अंचल से पहुंचे भक्तों ने त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाई। संगम घाट हर हर गंगे और माँ कालिका के जयकारों से गूंज उठा। श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाडा से तड़के शाही स्नान चल समारोह में शामिल होने के लिए कोई 500 से ज्यादा भक्त चिदध्यानम शिविर से मध्यरात्रि 2 बजे भजन संकीर्तन करते महाराज के सानिध्य में निकले। महामंडलेश्वर माँ सम्विदानन्द सरस्वती, अखंड ज्ञान आश्रम रतलाम के संचालक स्वामी देवस्वरूपानन्द महाराज, स्वामी पुरुषोत्तमानन्द सरस्वती एवं स्वामी सुबोधानन्द प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
प्रचार प्रभारी निलेश सोनी ने बताया अखाड़ा का शाही स्नान में सर्वप्रथम क्रम होने से सभी भक्तों ने त्रिवेणी संगम में सबसे पहले हर हर गंगे के जयकारों के साथ डुबकी लगाई। 550 वर्ष पुरानी परम्परा पुनर्जीवित हो उठी। इस अवसर पर महाराज ने कहा कि श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा देश का करीब 950 वर्ष पुराना है। जिसके आचार्य पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी श्री विशोकानन्द भारती महाराज के सानिध्य में कोई 60 से अधिक महामंडलेश्वर और हजारों संत महात्माओं व भक्तों ने सबसे पहले संगम में शाही स्नान में पुण्य लाभ लिया। उन्होंने कहा की हमे इस बात का गर्व होना चाहिए कि हम विश्व के सबसे बड़े धार्मिक मेले के साक्षी व शाही स्नान में सहभागी बने है। यह कई जन्मों के पुण्यो पुंज के बिना संभव नहीं है। सनातन संस्कृति में प्रयागराज कुम्भ का अपना विशिष्ट महत्व है। इस बार का यह कुम्भ इसलिए भी अविस्मरनीय बन गया है क्योंकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लगभग 550 साल पहले मुगलशासन काल में तत्कालीन शासक अकबर द्वारा बंद की गई प्रयागराज पंचक्रोशी यात्रा फिर से प्रारम्भ कर की गई है। इस कुम्भ में यह एक नया इतिहास लिखा गया है। जिससे सनातन धर्मावलम्बियों में विशेष उत्साह है। स्वामी देवस्वरूपानन्द महाराज ने माघ माह में प्रयागराज कुम्भ में दान पुण्य और स्नान का महत्व बतलाया।

बच्ची का उपचार करने वाले चिकित्सक के आज होंगे बयान

रतलाम. जावरा के बालिका गृह की छह वर्षीय बालिका के निजी अंग से छेड़छाड़ के आरोप के मामले में पुलिस ने अपनी जांच शुरू कर दी है। डॉ. रचना व उसके पति से हुई पूछताछ में उनके द्वारा बालिका के साथ किसी प्रकार की गलत हरकत नहीं करने की बात कही थी। साथ ही बालिका को निजी अंग पर पूर्व से एलर्जी जैसा होना बताया था और उसके मेडिकल से जुड़े दस्तावेज भी पेश करने की बात कही थी।

पुलिस के द्वारा डॉ. रचना के यहां जांच के दौरान बच्ची के उपचार से जुड़े कुछ दस्तावेज भी बरामद किए है। इसके बाद पुलिस उपचार करने वाले चिकित्सक को तलाश रही थी, जो कि सोमवार को रतलाम पहुंचेंगे। पुलिस ने चिकित्सक से पूछताछ के लिए उनसे संपर्क भी किया था, जिस पर उनके द्वारा जिले के बाहर होने की बात कही गई थी। चिकित्सक के सोमवार को रतलाम लौटने के बाद पुलिस उनके बयान दर्ज करेगी। पुलिस ने इसके पूर्व इस मामले से जुड़े अन्य लोगों से भी पूछताछ की।
पैनल से कराएंगे जांच

जिस चिकित्सक के द्वारा बालिका का उपचार किए जाने से जुड़े दस्तावेज पुलिस को मिले है, उससे पूछताछ के बाद पुलिस उसके द्वारा किए गए उपचार की जानकारी जुटाएगी। निजी चिकित्सक द्वारा किया गया उपचार किस चीज के लिए था और क्यो किया था, पुलिस इसका कारण भी पूछेगी। चिकित्सक द्वारा दिए गए जवाब कितने सटिक है, इसकी जांच पुलिस तीन चिकित्सक की पैनल के माध्यम से करेगी। पैनल की रिपोर्ट आने के बाद ही इस मामले में पास्को एक्ट से जुड़ी धारा हटाई जाना है या नहीं ये तय होगा।
जारी है बयानों का दौर

पुलिस द्वारा बालिका गृह की बालिकाओं को तलाश कर उनके बयान लिए जाने का क्रम अब भी जारी है। मामले की गंभीरता के चलते एसआईटी इस मामले में फूंक-फंूककर कदम रख रही है। वहीं जांच में छोटे से लेकर बडे़ तक हर
बिंदु की जांच करने में जुटी है। टीम को जहां पर कोई परेशानी होती है, तो वह वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क कर उसका तत्काल निराकरण भी कर लेती है।

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