अत्याधुनिक उपकरणों से लैस होगा कॉलेज टीम के साथ उपकरण सप्लाई करने वाली फर्म के कंसलटेंट भी आए थे। इन्होंने यहां उन सभी स्थानों को देखा जहां अलग – अलग तरह के उपकरण लगाए जाना हैं। इनमें बड़ी मशीनरी से लेकर अत्याधुनिक मशीनें भी शामिल हैं। नया मेडिकल कॉलेज होने से सारी मशीनें नई तो होंगी ही इनमें लेटेस्ट मशीनें भी रहेंगी। मेडिकल की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट को इन नई और अत्याधुनिक मशीनों से पढ़ाई करने का मौका मिलेगा।
फर्नीचर भी होगा अत्याधुनिक मेडिकल कॉलेज में कांफे्रंस हॉल, कॉलेज और अस्पताल में बनाए जाने वाला फर्नीचर भी अत्याधुनिक ही होगा। किस कमरे या हॉल में किस तरह का फर्नीचर बनाया जाना है या बना-बनाया लाकर लगाया जाना है इस पर भी अधिकारियों ने गहन विचार-विमर्श किया है। सूत्रों की माने तो ९० फीसदी फर्नीचर का निर्माण कॉलेज में ही किया जाएगा जबकि कुछ ऐसे उपकरण हैं जो तैयार मिलते हैं वे ला करके यहां लगा दिए जाएंगे।
साइट पर किया है निरीक्षण मेडिकल कॉलेज में उपकरणों और फर्नीचर को लेकर तैयारियां चल रही है। विशेषज्ञों के साथ हमने रतलाम में मेडिकल कॉलेज की साइट पर जाकर निरीक्षण किया है। कहां कितने उपकरण लगेंगे और कौन सा फर्नीचर कहां लगाया जाना है इस बारे में विस्तार से चर्चा हुई है। कुछ उपकरण जो जिला अस्पताल में मौजूद नहीं हैं उन्हें भी खरीदकर लगाया जाना है।
डॉ. संजय दीक्षित, रतलाम मेडिकल कॉलेज के प्रभारी डीन ———— मेडिकल कॉलेज खरीदेगा उपकरण जिला अस्पताल में जिन उपकरणों की कमी है और जो मेडिकल स्टूडेंट के लिए आवश्यक हैं वह मेडिकल कॉलेज से खरीदकर लगाए जाएंगे। एमसीआई की टीम के आने के पहले यह पूरा होना है। ये उपकरण जब मेडिकल कॉलेज में पूरी तरह शुरू हो जाएगा तो वहां शिफ्ट कर दिए जाएंगे। इससे दोहरा बजट लगाने की जरुरत नहीं पड़ेगी और व्यवस्थाएं भी सुचारू हो जाएगी। पहली बैच के मेडिकल स्टूडेंट और स्टॉफ के लिए जो जरुरी है वह मेडिकल कॉलेज में बहुत जल्द पूरा हो जाएगा।
चेतन्य काश्यप, शहर विधायक व राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष