आशंका है कि युसुफ छिपने के लिए वह देश छोड़कर पाकिस्तान भी जा सकता है, जहां से पुलिस को उसे पकड़कर लाना काफी मुश्किल साबित होगा। दरअसल युसुफ का परिवार पाकिस्तान में भी रहता है। उसकी पत्नी भी वहीं की रहने वाली है। यह जानकारी सामने आने के बाद जांच एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं।
लोकेशन के आधार पर सर्चिंग
पुलिस कड़पा व दिनेश की लोकेशन सर्च करने में पुलिस जुटी है। सीएसपी अगम जैन ने बताया कि वीडियो बनाने के लिए जिन पत्रकारों के मौजूद होने की बात सामने आ रही है, उसकी पुष्टि के लिए दिनेश का मिलना आवश्यक है। मामला सामने आने के बाद १४ फरवरी को दोपहर में दिनेश तथा कड़पा की लोकेशन भी एक ही होने की बात भी सामने आई है, लेकिन फिलहाल कड़पा तथा दिनेश दोनो की लोकेशन अलग अलग है।
आरती नहीं उगल रही राज
आरती ने बताया कि दिनेश और वह अच्छे दोस्त हैं उसने दिनेश के कहने पर उसी के साथ कार से रतलाम आई और युवती से संपर्क कर वीडियो बनवाया। दिनेश और यूसुफ ने ये प्लानिंग की थी और इस काम के लिए मुझे कहा था। कई बार फोन पर युवती को समझाया था लेकिन वह मानने को तैयार नहीं थी, इसके बाद रतलाम आकर उससे संपर्क किया और उसे जैसे-तैसे तैयार कर उसका वीडियो बनाया था। बाद में उस वीडियो को वायरल किया गया था।
२४० बालिकाओं के बयान दर्ज
जावरा के बालिका गृह में यौन शोषण मामले की जांच कर रही एसआईटी ने अब तक २४० बालिका और युवतियों के बयान दर्ज किए हैं। पुलिस सर्तकता बरतते हुए युवतियों के बयान का लिखने के साथ रिकॉर्ड भी कर रही है। पुलिस ने मामले की जांच के लिए पूर्व में एसआईटी में दस अधिकारियों का दल गठित किया था। दल में दो-दो सदस्यों की पांच टीमें बनाई गई थी, लेकिन जांच में देरी के चलते अब जांच दल में अधिकारियों की संख्या बढ़ाए जाने के साथ ही दो और टीम बनाई गई है। वहीं शनिवार रात को यहां से टीमें अब, बिहार, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल के लिए रवाना होगी। बालिका गृह में रह चुकी युवतियां वहां भी हैं, अब उनसे भी पूछताछ की जाएगी। राजस्थान तथा गुजरात भेजे गए दलों ने बालिकाओं से बयान ले लिए है। जयपुर का दल अभी वापस नहीं आया है।
कैमरे बंद थे, डीवीआर भी खाली मिली
पुलिस द्वारा बालिका गृह के सीसीटीवी में कैद रिकॉर्डिंग को जांच के लिए डीवीआर को जब्त कर जांच के लिए सायबर की भोपाल एफएसएल में जांच के लिए भेजा गया था, जहां से उसकी जांच होने के बाद रिपोर्ट पुलिस को मिल चुकी है, लेकिन उस रिपोर्ट में एेसा कुछ नहीं मिला जो कि पुलिस के काम आ सके। इसके पांच माह से कैमरे बंद थे, केवल बालिका गृह के किचन का ही कैमरा चालू था, लेकिन उसमें पुलिस को कुछ आपत्ति जनक नहीं मिला।
हर बालिका और युवती से एक प्रश्न
हर बालिका और युवती से वह सिर्फ चुनिंदा प्रश्न ही कर रही है। पुलिस ने एक फिक्स फॉरमेट में प्रश्न तैयार किए है और उसकी कॉपी सभी जांच अधिकारियों को दी है। हर लड़की व युवती के बयान उन्हीं प्रश्नों के आधार पर हो रहे हैं।
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जुटा रहे साक्ष्य, माह के अंत में पेश करेंगे चालान
सीएसपी जैन ने बताया कि बालिकाओं के बयान के साथ ही मेडिकल रिपोर्ट, डीवीआर में मिले वीडियो साक्ष्य तथा अन्य लिखित तथा ऑडियो विजुअल में दर्ज बयानों के आधार पर पुलिस सभी आरोपों को सिद्ध करते हुए संभवत: इसी माह के अंत तक न्यायालय में चालान पेश किया जा सकेगा।