रतलाम

पुलवामा अटैक: कलम वसंत-प्यार तो कभी गुस्सा-बदला लेने की भी बात करती

पुलवामा अटैक: कलम वसंत-प्यार तो कभी गुस्सा-बदला लेने की भी बात करती

रतलामFeb 21, 2019 / 06:20 pm

Yggyadutt Parale

पुलवामा अटैक: कलम वसंत-प्यार तो कभी गुस्सा-बदला लेने की भी बात करती

रतलम। देश में हुई आतंकीत करने वाली घटना ने सभी को झकझोर दिया है कि अब आगे क्या होगा, क्या परिस्थितियां निर्मित होगी । हर व्यक्ति समय की परिस्थितियों को समझ रहा है ऐसे माहौल में कलम मौन नहीं रह सकती है। वह अपनी पैनी निगाहों से चारों और के वातावरण को देख रही है और हमारे जहन में उन तमाम परिस्थितियों को निर्मित कर रही हैं, जो गुस्से को कागज पर रेखांकित करने के लिए उत्तेजित हो रही है। कलम अगर वसंत, प्यार, मोहब्बत, सौंदर्य पर बात करती है तो कलम गुस्सा, बदला, सवाल-जवाब लेने की बात भी करती है। सभी गीतकार शायर लेखक कवि कहीं ना कहीं किसी न किसी बात में अपनी बात कह रहे हैं। चाहे वह प्रतिको के माध्यम से ही क्यों न हो कविता में किसी बात को कहना नए युग की शुरुआत है । वह समय और परिस्थितियों के चलते समझ रहा है, उसकी बात उसकी पहचान को प्रभावित करती है किसी भी संदर्भ को अपनी बात में लाना, रचना व्यक्त करना वही वर्तमान समय की बात है। यही लेखन की जागरुकता का परिचय है।
यह विचार बात डॉ. दुर्गा शर्मा के निवास पर आयोजित रतलाम पाठक मंच की मासिक काव्य गोष्ठी में अपने अध्यक्ष उद्बोधन में डॉ ओमप्रकाश ऐरन ने कही। इस मौेके पर दो पुस्तकों पर समीक्षा हुई। जिसमें काल: क्रीडति श्याम सुंदर दुबे व भारतीय इतिहास-दृष्टि और माक्र्सवादी शंकर शरण रही। जिसके समीक्षक मुकेश सोनी, अकरम शेरानी, प्रकाश हेमावत रहे। समीक्षा गोष्ठी के पश्चात काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया । जिसमें डॉ. ओम प्रकाश ऐरन, सुरेश आनंद, श्याम माहेश्वरी, पदमाकर पागे, सुभाष यादव, जन्मेजय कुमार उपाध्याय, रामचंद्र फूहार, हरिशंकर भटनागर, जूझारसिंह भाटी, दिलीप कुमार जोशी, प्रकाश हेमावत, राजेश रावल, कृष्णकांत प्यासा, डॉ. शोभना तिवारी, रेखा गौतम, सिद्दीकी रतलामी, निजाम भाई, बी पी जायसवाल, लक्ष्मण पाठक, अकरम शीरानी, मुकेश सोनी, जवेरीलाल गोयल, रमेश मनोहरा आदि विभूतियों ने देशहित व पुलवामा में हुए शहीदों को याद कर कविताओं के माध्यम से श्रद्धांजलि दी। संचालन अनुरूप शर्मा ने किया। आभार राजेश रावल ने माना। तत्पश्चात मंच के माध्यम से वरिष्ठ साहित्यकार विभूतियों का शॉल, श्रीफल व पुष्पमाला से सम्मानित किया गया।

पुलवामा के शहीदों दी श्रद्धांजलि, २३ को रैली निकालकर करेंगे राशि एकत्रि
लायंस सभागृह पर पुलवामा में हुए वीर सैनिकों की आत्मा की शांति के लिए शोकसभा का आयोजन लायनेस क्लब ऑफ रतलाम के सदस्यों द्वारा रखा गया। कार्यक्रम में ला. सुषमा श्रीवास्तव, दिनेश शर्मा, प्रीति सोलंकी, सुलोचना शर्मा, लॉयनेस अध्यक्ष पुष्पा वासन, बीके जोशी, विक्रमसिंग सिसोदिया, यास्मीन शेरानी ने सम्बोधित किया। इस अवसर पर सर्वानुमति से निर्णय लिया कि 23 फरवरी को सभी एक रैली के रूप में निकलकर शहीदों के परिवारों की सहायता हेतु राशि एकत्रित कर कलेक्टर को सोपेंगे। कार्यक्रम में नीरज सुरोलिया, रिता जैन, संतोष जोशी, प्रेमलता दवे, मुबीन गौरी, वैशाली माचवे, वीणा छाजेड़, इंदु उपाध्याय, सुनीता वासनवाल आदि लायन लॉयनेस सदस्य उपस्थित रहे।
सुभाष नगर रविदास धर्मशाला में अहिरवार समाज द्वारा संत रविदास का जन्म उत्सव हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया। वरिष्ष्ठ कार्यकर्ता कन्हैयालाल घायल, अन्नुलाल कुशवाह ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। रविदास जयंती पर समाज के वरिष्ष्ठ कार्यकर्ता दिनेश जाटव, अशोक सिमोलिया, सुरेश बिसे, सोहन बंदरवान, मोहन जाटव, रामचंद्र तिलवे, जनमन्जय घायल द्वारा गुरुदेव के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला। इस मौके पर शिव कुशवाह, गौरव कुशवाह, सुनील जाटव, रवि जाटव, बृजेश रोजे, गोपाल यादव, फिरोज भाई आदि उपस्थित थे। इस मौके पर महिलाओं ने सुमधूर भजनों की प्रस्तुति दी।

संत रविदास जयंती मनाकर शहिदों को किया याद
रतलाम। आदिवासी एकता परिषद् अखिल भारतीय आदिवासी समाज, वीर एकलव्य आदिवासी सामाजिक सेवा संस्था की बैठक ग्राम धराड़ नयापुरा में हुई। जिसकी अध्यक्षता राजेंद्र बारिया प्रांतीय महासचिव आदिवासी एकता परिषद् द्वारा की गई। इस मौके पर संत रविदास की जयंती मनाते हुए, देश के वीर शहीदों को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। साथ ही आदिवासी समाज की धरोहर भील विश्रांति गृह पर हो रहे अवैध कब्जे व निर्माण रोकने के लिए लोगों से आव्हान किया। इस मौके पर कैलाश निनामा, रणछोड़लाल खराड़ी, रमेश, सरवन पारगी, भेरूलाल भाभर, रामलाल मुनिया, कन्हैयालाल गरवाल, अम्बाराम मुनिया, पुनाजी मकोडिय़ा, मोहनलाल मकोडिय़ा आदि उपस्थित थे। संचालन सुरतलाल डामर ने किया। आभार गोपालचंद निनामा ने माना।

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