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पुष्यनक्षत्र: आज भी शाम 4 बजकर 40 मिनट तक खरीदी का महामुहूर्त

locationरतलामPublished: Oct 22, 2019 12:54:47 pm

Submitted by:

Gourishankar Jodha

22 अक्टोम्बर को भौम पुष्य योग, खरीदी का मिलता स्थाई लाभ

पुष्यनक्षत्र: आज भी शाम 4 बजकर 40 मिनट तक खरीदी का महामुहूर्त

पुष्यनक्षत्र: आज भी शाम 4 बजकर 40 मिनट तक खरीदी का महामुहूर्त

रतलाम। इस दीपोत्सव के पूर्व दो पुष्य नक्षत्र का लोगों को लाभ मिला, सोमवार के बाद मंगलवार को भी खरीदी का महामुहूर्त है। सोमवार को शहर के सराफा, प्रापर्टी, बहीखाता आदि क्षेत्रों में जमकर खरीदारी हुई, तो व्यापारी वर्ग भी खुश नजर आया। पूरे दिन मार्केट में खासी भीड़ देखी गई। मंगलवार शाम 4 बजकर 40 मिनट तक नागरिक भौम पुष्य नक्षत्र के शुभ मुहूर्त में खरीदी के महायोग का लाभ ले सकते हैं। दीपावली और धनतेरस के पूर्व नागरिक हर प्रकार की खरीदी के लिए तो व्यापारी नए बहीखाते की खरीदी नए प्रतिष्ठान के शुभांरभ के लिए पुष्य नक्षत्र का इंतजार करते है।
इस साल नागरिको व व्यापारियों के लिए दो दिन पुष्य नक्षत्र योग के साथ ही बुधादित्य लक्ष्मीनाराण व मालव योग बन रहा है। इस योग में खरीदी करने व नए कार्य की शुरूआत करने लाभकारी माना जाता है। ज्योतिषी रवि जैन ने बताया कि इस साल खास बात यह है कि नागरिकों को खरीदी के लिए सोमवार के बाद आज 22 अक्टूबर की शाम 4 बजकर 40 मिनट तक रहेगा।
नक्षत्रों का सम्राट है पुष्य
ज्योतिषी जैन के अनुसार मंगलवार को संध्या 4 बजकर 40 मिनट तक पुष्य नक्षत्र रहेगा। इस समयावधि में तुला राशि में बुध के साथ सूर्य व शुक्र की युति होने पर बुधादित्य और लक्ष्मीनारायण योग व स्वग्रही शुक्र से मालव योग का भी संयोग बन रहा है। इसलिए नागरिकों के लिए खरीदी के लिए व व्यापारियों के लिए पुष्य का महत्व बढ़ गया है। ग्रहों के मंडल में पुष्य को नक्षत्रों का सम्राट माना गया है । पुष्य नक्षत्र का स्वामी शनि है जो दीर्धकालीन लाभ व स्थायित्व का प्रतिनिधि माना गया है। इस नक्षत्र में कार्य करने से किसी भी प्रकार के कुयोग का प्रभाव नहीं होता है। जिस वार को पुष्य नक्षत्र आता है उस वार के नाम से पुष्य माना जाता है।
पुष्य नक्षत्र वाले ये कार्य कर सकते है
इस साल सोमवार के बाद मंगल वार को पुष्य नक्षत्र आने से सोम व भौम पुष्य का योग बना है। शनि न्याय एवं स्थिरता का कारक है यही वजह है कि इस योग में जो कार्य किए जाते है वे शुभ तो होते ही है उसमें सफलता एवं स्थिरता की संभावना अधिक हो जाती है।नवीन कार्य की शुरूआत एवं प्रतिष्ठान का शुभारंभ बही खाता, सोना-चांदी, इलेक्ट्रिक आयटम, वाहन खरीदी, भूमि भवन खरीदी का सौदा, नवीन ग्रह का शुभांरभ, ग्रहप्रवेश इत्यादि सभी मंगल कार्य कर सकते है।
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