नोट खबर से जुड़े Ragging फोटो प्रतीकात्मक है।

रतलाम के मेडिकल कॉलेज में पढऩे आए बच्चों की सुरक्षा करने में कॉलेज के डीन डॉ. जितेंद्र गुप्ता पूरी तरह से असफल साबित हो रहे है। यहां मार्च माह में बच्चों की खराब भोजन करने से तबियत खराब हुई, 17 से अधिक बच्चे बीमार हुए, लेकिन कागजी कार्रवाई दिखाने की जांच की हुई थी। तब भी उन जिम्मेदारों को साफ डॉ. जितेंद्र गुप्ता ने बचा लिया था।
IMAGE CREDIT: patrika कई मौत हो चुकी है इस कॉलेज में बता दे कि रतलाम के इस मेडिकल कॉलेज में कोरोना के दौरान कई मरीजों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी ैहै। तब से लेकर अब तक डीन डॉ. जितेंद्र गुप्ता गलत काम करने वालों को सिर्फ बचाने का काम कर रहे है। पहले जब खराब खाना खाने से बच्चे बीमार हुए तब भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। अब जबकि रैगिंग जैसी गंभीर घटना हुई है तो रैगिंग करने वालों पर तो कार्रवाई कर दी गई, लेकिन सुरक्षा की जिम्मेदारी जिन पर है, उनको पूरी तरह से बचा लिया गया है।
यह है पूरी घटना मेडिकल कॉलेज में जुनियर विद्यार्थियों के साथ रैगिंग की घटना हुई है। यहां पर 2018, 2019 व 2020 बैच के 5 विद्यार्थियों ने पूरी घटना को अंजाम दिया। इसके बाद तीन माह के लिए 5 विद्यार्थियों को बाहर कर दिया गया है। 19 मई को इस मामले में रैगिंग की शिकायत की गई थी। जिनके साथ यह घटना हुई है, उनको मुंह बंद रखने व बाहर आकर किसी को नहीं बताने का दबाव डीन डॉ. जितेंद्र गुप्ता के मैनेजमेंट ने दिया है। इसके चलते विद्यार्थियों ने कॉलेज प्रबंधक को तो घटना के बारे में बता दिया, लेकिन भय के मारे सामने नहीं आ रहे है। बताया जा रहा है कि कुछ विद्यार्थियों के साथ मारपीट भी हुई है, लेकिन पुलिस तक मामले को जाने से रोक दिया गया है।
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