इस तरह समझे इसको
रेलवे में विभिन्न अवसर पर रेलमंत्री, महाप्रबंधक, रेलवे बोर्ड अध्यक्ष से लेकर सदस्य आदि दौरे पर आते है। उनके आयोजन के दौरान सत्कार, भोजन आदि पर लाखों रुपए व्यय किए जाते है। इसमे आकस्तिक रुप से मिसलेनियस विभाग रुपए निकालता है। इसी के प्रभारी कार्यालय अधीक्षक परवेज खान को बना रखा था। आरोप है कि परवेज ने ही करीब 30 लाख रुपए की गड़बड़ की है। उदाहरण के लिए एक लाख रुपए मंच आदि के लिए इंजीनियरिंग विभाग ने निकाले व 80 हजार रुपए का व्यय हुआ तो बिल लगाकर शेष 20 हजार रुपए वित्त विभाग में जमा करके सूचना दे देते है। बस जो इस तरह से विभिन्न विभाग के रुपए बचे उस राशि में ही आरोप है कि परवेज ने 2017 से अब तक गड़बड़ की।
इनके नेतृत्व में आई विजिलेंस
रेलवे मंडल कार्यालय के इंजीनियरिंग विभाग के एक अधिकारी ने नाम नहीं प्रकाशन के निवेदन के साथ बताया कि मुंबई विजिलेंस विभाग में पदस्थ इन्सपेक्टर गरुड़ कुमार के नेतृत्व में दो सदस्यों का दल सितंबर के अंतिम सप्ताह में आया था। उसी दल ने छापामारी की व भुगतान से जुड़ी सभी फाइलों को जब्त किया है। इस मामले में शुक्रवार को मंडल रेल प्रबंधक आरएन सुनकर ने वित्त विभाग व इंजीनियरिंग विभाग के आला अधिकारियों के साथ बैठक भी की है।
नियमानुसार किया आयोजन
सभी कार्य नियम अनुसार हुए है। ये विभाग का आंतरिक मामला है। इस प्रकार की कोई जांच चल रही है, इसकी जानकारी नहीं है।
आरएन सुनकर, डीआरएम, रतलाम मंडल