यह भी पढे़ं -धंसे ट्रैक से गुजरने वाली थी राजधानी, बेकिंग इंजन के चालक ने बचाई दुर्घटना 2017 में मंजूरी, 2018 में शुरू हुआ था काम
वर्ष 2017 में 120 करोड़ की लागत वाले रतलाम-लक्ष्मीबाई नगर-इंदौर सेक्शन पर इलेक्ट्रिफिकेशन की मंजूरी हुई थी। टेंडर आदि होने व कार्य की शुरुआत होने में 15 फरवरी 2018 का समय लग गया। इसको अक्टूबर 2019 में पूरा करना था, लेकिन तीन माह पहले ही ये पूरा हो गया है।
वर्ष 2017 में 120 करोड़ की लागत वाले रतलाम-लक्ष्मीबाई नगर-इंदौर सेक्शन पर इलेक्ट्रिफिकेशन की मंजूरी हुई थी। टेंडर आदि होने व कार्य की शुरुआत होने में 15 फरवरी 2018 का समय लग गया। इसको अक्टूबर 2019 में पूरा करना था, लेकिन तीन माह पहले ही ये पूरा हो गया है।
यह भी पढे़ं – VIDEO रेल कोच में रात बिताने का मिलेगा अवसर अगले चरण में ये कार्य बता दे कि इलेक्ट्रिफिकेशन (कोर ) इलाहाबाद चित्तौडग़ढ़ से लेकर कोटा होते हुए नीमच से लेकर इंदौर होते हुए खंडवा तक महू के रास्ते इलेक्ट्रिफिकेशन कार्य को करेगी। इसके लिए रेल मंडल में देखें तो इंदौर से लेकर जावरा तक ये कार्य हो गया है। रेलवे का प्रयास है कि अक्टूबर तक जो समय सीमा इंदौर से रतलाम तक के लिए दी गई थी, उस समय सीमा में जावरा से मंदसौर तक के रहे कार्य को भी पूरा कर लिया जाए। इसमे जावरा से मंदसौर तक पोल लगाने का कार्य हो गया है। अब इस पर तार डालने शेष हैं। इसके बाद अगले चरण में रेलवे व इलेक्ट्रिफिकेशन विभाग मिलकर महू-खंडवा सेक्शन में 160 किमी के ट्रैक पर ( 138 किमी ) रेल मार्ग पर 127.82 करोड़ रुपए की लगात से इलेक्ट्रिफिकेशन कार्य की शुरुआत करेगा।
यह भी पढे़ं – रेलवे में निजीकरण नहीं होगा के दावे के बीच डीआरएम कार्यालय की सफाई निजी हाथ में कार्य पूरा हो गया हमारे यहां इंदौर से रतलाम तक इलेक्ट्रिफिकेशन का कार्य पूरा हो गया है। जल्दी ही हम इस सेक्शन में बिजली इंजन से चलने वाली ट्रेन चलाएंगे। इससे कम समय में यात्रियों को जल्दी अपने गंतव्य तक पहुंचने का लाभ मिलेगा। इसके लिए हमने सीआरएस को आमंत्रण भेज दिया है।
– आरएन सुनकर, मंडल रेल प्रबंधक
– आरएन सुनकर, मंडल रेल प्रबंधक