दरअसल, देश में बढ़ते कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या को देखते हुए रेल मंत्रालय ने फैसला किया है कि रेलवे के अस्पतालों में अब उन्ही मरीजों का इलाज किया जाएगा, जो कोरोना से संक्रमित होंगे या लक्षण दिख रहे होंगे। ऐसे में अब यहां अगले आदेश तक आम मरीजों का इलाज नहीं किया जाएगा।
सभी केंद्रीय कर्मचारियों का होगा इलाज रेल मंत्रालय ने अपने सभी अस्पतालों को एडवाइजरी जारी कर कहा है कि देश के किसी भी केंद्रीय उपक्रम में काम करने वाले कर्मचारी लॉकडाउन के दौरान रेलवे अस्पताल या रेलवे के हेल्थ यूनिट में अपना इलाज करा सकते हैं। इसके लिए उन्हें अपने विभाग की ओर जारी आइडेंटिटी कार्ड दिखानी होगी।
बता दें कि देशभर में रेलवे के अपने 129 अस्पताल और 586 डिस्पेंसरी हैं। गौरतलब है कि इन अस्पतालों में सिर्फ रेलवेकर्मियों को ही इलाज की सुविधा थी। कोरोना का प्रकोप खत्म होने के बाद फिर से पुरानी व्यवस्था लागू हो जाएगी।
इसके अलावे रेलवे ने अपने सभी बड़े अस्पतालों में कोरोना वायरस के शिकार लोगों के इलाज के लिए भी अलग से व्यवस्था की है। रेलवे ने ट्रेनों को भी आइसोलेटेड वार्ड की तरह बना रहा है ताकि लोगों को क्वारंटीन किया जा सके।