रतलाम

बड़ी खबर: शनिचरी अमावस को किसने निकाला रेल परियोजना की शुरुआत का मुहूर्त

ज्योतिषियों के अनुसार अमावस को नहीं होते हैं कोई शुभकाम, फिर रेलवे को किसने किया गुमराह

रतलामMar 16, 2018 / 12:56 pm

harinath dwivedi

रतलाम। भारतीय ज्योतिष के अनुसार अमावस के दिन कोई शुभ काम नहीं किया जाता है। ज्योतिष के तमाम स्कूल से लेकर विश्वविद्यालयों तक में इस बारे में पढ़ाया जाता है कि अमावस के दिन कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता है। एेसे में पश्चिम रेलवे के रतलाम रेल मंडल में उज्जैन में शनिचरी अमावस के दिन रेलमंत्री पीयूष गोयल का आना व एक हजार करोड़ रुपए की रेल परियोजनाओंं का उज्जैन व इंदौर में भूमिपूजन व लोकार्पण करने ने बडेे़ सवाल खड़े कर दिए है।

ज्योतिषी शनिचरी अमावस के दिन हो रहे इस आयोजन को अशुभ बताकर ये सवाल कर रहे है कि इस दिन आयोजन का मुहूर्त किस पंडित या ज्योतिष से रेलवे ने निकलवाया है। ज्योतिषियों के अनुसार इससे रेल दुर्घटनाओं में इजाफा हो सकता है।

पहले जाने अमावस का समय

रतलाम राज परिवार के ज्योतिषी पंडित अभिषेक जोशी के अनुसार १७ मार्च शनिवार को शनिश्चरी अमावस शाम को 6 बजकर 41 मिनट तक रहेगी। पहली बात तो अमावस के दिन किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत नहीं होती है। एेसे में भूमिपूजन को तो विशेष रुप से भारतीय ज्योतिष में वर्जित बताया गया है।
ये ग्रह बना रहे हैं अशुभ योग

17 मार्च को उज्जैन व इंदौर में होने जा रहे रेलवे के भूमि पूजन व अन्य आयोजन के दौरान क्षीण या कमजोर चंद्रमा होने से समय पर काम पूरा नहीं होगा व इसमे बार-बार बाधा आएगी। इतना ही नहीं, कार्य स्थल से लेकर भारतीय रेलवे में इस दिन पूजन कार्य होने से अगले 45 दिन तक दुर्घटनाएं बढऩे के योग बनेंगे। क्योकि ग्रहों के अनुसार देखा जाए तो रेलवे का सीधा संबध शनि से है व अचानक होने वाली दुर्घटनाएं राहु की वजह से होती है।
इसलिए नहीं है ये बेहतर समय

ज्योतिषियों के अनुसार रतलाम रेल मंडल के उज्जैन शहर व इंदौर में होने वाले आयोजन में प्रमुख आयोजन दोपहर २ बजे से 3 बजकर 42 मिनट तक होगा। इस समय कर्क लग्न में राहु की स्थिति, कार्य का प्रमुख स्थान मकर में केतू की उपस्थिति, छटे स्थान का अष्टमेश अर्थात मृत्यु के स्थान से सुंबध अनुकूलता के तमाम योग को खंडीत कर रहा है। इसके साथ ही दशमेश मंगल का शनि के साथ अष्टम भाव में युति दुर्घटनाओं को बढ़ाएगी।
समय बेहतर नहीं

एेसे में ये समय, दिन किसी भी तरीके की ज्योतिष विद्या के अनुसार रेल परियोजना की शुरुआत के लिए ये समय बेहतर नहीं है। ऐसी स्थिति में राजनेताओं को भारतीय ज्योतिष को ध्यान में रखते हुए कार्य करना उचित रहेगा, क्योंकि मुहर्त शास्त्र जनकल्याण के लिए ही बनाया गया है।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.