रेलवे को अब होने लगा नुकसान, माल लदान पर नहीं किसी का ध्यान
तीन वर्ष से कम हो रही पार्सल की आय, माल आ रहा, लेकिन लदान हो रहा कम, आय बढ़ाने पर जोर नहीं

रतलाम। गुड्स एंड सर्विस टैंक्स ने रेलवे के पार्सल की आय में जमकर कमी की है। पिछले तीन वर्षो में माल का आना तो बढ़ रहा है, लेकिन यहां से जाने वाला या लदान होने वाले माल की संख्या में कमी हो रही है। अंदरखाने के सूत्रों का कहना है कि इसकी वजह माल की बुकिंग कम करके दो नंबर के रास्ते अधिक भेजा जा रहा है। जबकि रेल अधिकारी दावा कर रहे है कि असल में जीएसटी ने पार्सल की कमी पर जमकर असर डाला है।
तीन वर्षो के आंकडों पर नजर डाले तो वर्ष २०१७-१८ में जनवरी तक ५९ हजार २४५ पैकेट आए, जबकि इनके जाने की संख्या ४५०५ रही। इस प्रकार करीब २७.६० प्रतिशत माल कम ढुलाई हुआ। इसी प्रकार वर्ष २०१५-१६ व वर्ष २०१६-१७ में भी हुआ। इसी प्रकार आय के मामले में देखे तो हर वर्ष से कम होती जा रही है। वर्ष २०१५-१६ में २,९३,३८,८७० करोड़ रुपए की आय हुई, जबकि २०१६-१७ में २,८२,४४,३७२ करोड़ आय हुई। इसी प्रकार चालू वित्त वर्ष में ये आय घटकर २,१०,२९,०८४ करोड़ रुपए हो गई। असल में आय के मामले में ध्यान नहीं देने की वजह से लगातार पार्सल की आय
कम होती जा रही है।
कमल नाम गूंजता है
पार्सल कार्यालय में कमल नाम गूंजता है। पार्सल में काम करने वाले हम्माल बताते है कि इस नाम के बाद अधिकारी भी चुप हो जाते है। इस नाम के बाद बुकिंग ४ पैकेट की होती है, जबकि लदान १५ से २० पैकेट कर दिए जाते है। एेसा प्रतिदिन होता है।
-------
इतने पैकेट मिले पार्सल को
वर्ष नंबर पैकेट के
२०१५-१६-१,५८,४८३
२०१६-१७-१,३०,७८५
२०१७-१८-५९२४५
------------
ये आया वजन टन में
वर्ष टन में वजन
२०१५-१६-७७५९
२०१६-१७-५७६२
२०१७-१८-४५०४
---------------
इतना वजन गया रतलाम से
वर्ष पैकेट गए
२०१५-१६-३,९२,४९९
२०१६-१७-४,०६,७३०
२०१७-१८-३,३५,१४२
---------
इतने पैकेट टन में गए रतलाम से
वर्ष टन में पैकेट
२०१५-१६-१३३२०
२०१६-१७-१२८७४
२०१७-१८-९७९१
आ बढ़ाने में ध्यान
जीएसटी ने कुछ हद तक असर डाला है, ये सही है। इसके बाद भी हम आय बढे़ इस पर ध्यान दे रहे है। इसलिए बेहतर सुविधा मिले व व्यापारियों के साथ संवाद का काम मंडल रेल प्रबंधक ने कुछ दिन पूर्व किया है।
- जेके जयंत, जनसंपर्क अधिकारी, रतलाम रेल मंडल
अब पाइए अपने शहर ( Ratlam News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज