scriptजीएम के सामने रखी यह मांग: यात्रियों की सुविधा के लिए इंदौर भोपाल पैसेंजर ट्रेन को रतलाम तक बढ़ाया जाए | railway news | Patrika News

जीएम के सामने रखी यह मांग: यात्रियों की सुविधा के लिए इंदौर भोपाल पैसेंजर ट्रेन को रतलाम तक बढ़ाया जाए

locationरतलामPublished: Feb 25, 2019 05:44:13 pm

Submitted by:

Yggyadutt Parale

जीएम के सामने रखी यह मांग: यात्रियों की सुविधा के लिए इंदौर भोपाल पैसेंजर ट्रेन को रतलाम तक बढ़ाया जाए

patrika

जीएम के सामने रखी यह मांग: यात्रियों की सुविधा के लिए इंदौर भोपाल पैसेंजर ट्रेन को रतलाम तक बढ़ाया जाए

रतलाम। इंदौर से भोपाल तक चलने वाली पैसेंजर ट्रेन को रलताम तक फतेहाबाद के रास्ते फेरा विस्तार की मांग ने जोर पकड़ लिया है। इस मांग के साथ पश्चिम रेलवे सलाहकार समिति के सदस्य शनिवार को महाप्रबंधक एेके गुप्ता से मिले ही थे, अब इसके लिए सोमवार को डीआरएम आरएन सुनकर से मिलकर चुनाव पूर्व इस ट्रेन को रतलाम तक बढ़ाने की मांग करने जा रहे है।

बता दे कि इंदौर से भोपाल के लिए पैसेंजर ट्रेन नंबर ५९३८९ रात को ११.४५ बजे चलती है व भोपाल सुबह ५.३० बजे पहुंचाती है। जबकि भोपाल से वापसी ट्रेन नंबर ५९३९० बनकर रात को १०.५५ बजे चलती है व इंदौर सुबह ४.४५ जे पहुंचती है। इस समय सप्ताह में दो बार उपलब्ध जयपुर हैदाराबाद ट्रेन जो रात १२.३० बजे रतलाम से भोपाल के लिए मिलती है को छोड़ दिया जाए तो सुबह ८.३० बजे बाद से रात २ बजे के पूर्व तक भोपाल के लिए सीधी कोई ट्रेन की सुविधा नहीं है। एेसे में इस ट्रेन को अगर सुबह ५ बजे भी इंदौर से रतलाम तक चलाया जाए व वापसी में रात ८ बजे भी चलाया जाए तो यात्रियों को बड़ा लाभ होगा। इसी प्रकार रेलवे चाहे तो ट्रेन नंबर ५९३१८-१९ उज्जैन नागदा उज्जैन पैसेंजर ट्रेन को रतलाम तक विस्ताररित करें तो यात्रियों को महाकाल दर्शन के लिए जाने के लिए अतिरिक्त ट्रेन की सुविधा मिलेगी।

इसकी भी जरुरत है
इनके अलावा रतलाम से पालिताणा, जाने के लिए अब तक सीधी ट्रेन की सुविधा नहीं है, जबकि जैन समाज की बाहुलता है। जब समाज को पालिताणा जाना होता है तो तो उनको पहले रतलाम से अहमदाबाद जाकर भावनगर जाने की ट्रेन को पकडऩे की जरुरत होती है।

हम प्रयास कर रहे है

हम इस प्रयास में है कि उन ट्रेनों का ठहराव रतलाम में हो जो अब तक नहीं होता है। इसके अलावा जो ट्रेन इंदौर तक आती है उनको रतलाम तक बढ़ाया जाए। इसके लिए जरूरी है कि सभी रेलवे को ट्वीट करें व पत्र भी लिखे।
– शैलेंद्र डागा, सदस्य, पश्चिम रेलवे यात्री सलाहकार समिति

अस्पताल की निकली निविदा फिर विवादों में

– डेढ़ वर्ष पहले बनी कंपनी को टेंडर में नियम खिलाफ भाग लेने का आरोप

रतलाम। सिविल अस्पताल में २ फरवरी को ३० सुरक्षा गार्ड के लिए निकली निविदा विवादों में आ गई है। विवाद की वजह टेंडर में उस कंपनी को भाग लेने देने का आरोप है जो डेढ़ वर्ष पूर्व ही बनी। नियम कहता है कि जब तक तीन वर्ष का आयकर रिटर्न नहीं हो, तब तक कोई कंपनी सरकारी टेंडर में भाग नहीं ले सकती। लेकिन नियम को दरकिनार करते हुए चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए सारा खेल हुआ, जब इसका विरोध हुआ तो टेंडर कमेटी की प्रमुख डिप्टी कलेक्टर कामिनी राठौर उठकर ही चली गई।

ये है पूरा मामला

२ फरवरी को अस्पताल प्रबंधक ने वर्ष २०१८-१९ के लिए ३० सुरक्षा गार्ड की जरुरत का टेंडर निकाला। रोगी कल्याण समिति के द्वारा इसके फॉर्म दिए जा रहे थे। पूर्व में यहां पर बुंदेलखंड सिक्युरिटी सुरक्षा का काम देखती थी। २०१३ से ये ही कंपनी ये काम करती रही है। पूर्व में जब-जब टेंडर निकले, उसको अंतिम समय में निरस्त करते हुए इस कंपनी को कार्य की समय-सीमा को बढ़ाया गया। इस वर्ष जब टेंडर निकले तो इस कंपनी पर आरोप है कि उसने शिवोहम बुंदेलखंड नाम से नई कंपनी बनाकर टेंडर भरा। बस इसी में गड़बड़ हुई है।

ये कहते हैं नियम

– नियम अनुसार तीन वर्ष का आयकर रिटर्न होना जरूरी है, लेकिन इस कंपनी ने श्रम विभाग से लाइसेंस ही १ दिसंबर २०१७ को लिया।

– नियम कहता है कि ईएसआई का रिटर्न कम से कम तीन वर्ष का हो, इस कंपनी ने २० मई २०१७ से ये रिटर्न दिखाया।

– इस कंपनी को पीएफ नंबर ही १६ जून २०१७ को मिला।

– सर्विस टैक्स ० प्रतिशत नहीं हो सकता, इसलिए सिर्फ १ पैसा लगाया।

– सुरक्षा गार्ड के लिए पुलिस हैडक्वाटर से पसारा लाइसेंस होना जरूरी है। ये लाइसेंस दिसंबर २०१७ में मिला।

ये नियम तोड़कर कर रहे काम

अस्पताल में नियम तोड़कर चहेतों को लाभ दिया जा रहा है। सरकारी टेंडर में तीन वर्ष का आयकर रिटर्न होना जरूरी है। जबकि शिवोहम कंपनी का नहीं है। फिर टेंडर में भाग ही किस तरह लेने दिया गया।

– केएस राठौर, टेंडर में आए निजी कंपनी के सुपरवाइजर

सोमवार को होगी जांच

अभी टेंडर मंजूर नहीं हुए है। सोमवार को इस मामले में निर्णय लिया जाएगा। टेंडर में भाग किस तर लिया, ये भी सोमवार को देखेंगे।

– कामिनी राठौर, डिप्टी कलेक्टर व टेंडर कमेटी प्रमुख

हम गलत है तो टेंडर लिया क्यों

हम गलत है तो टेंडर लिया क्यों गया। हम सही है, आरोप लगाने वालों का काम आरोप लगाना है। हम अस्पताल में कार्य करेंगे व बेहतर तरीके से सुरक्षा का कार्य होगा।

– डीपी पाठक, संचालक, शिवोहम बुंदेलखंड सिक्युरिटी

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो