वाणिज्य विभाग के अनुसार वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक, वाणिज्य प्रबंधक व सहायक वाणिज्य प्रबंधक को जांच के लिए मंडल में जांच के लिए अधिकृत किया गया है। इसमे वाणिज्य प्रबंधक एनआर मीणा, सहायक वाणिज्य प्रबंधक क्रमश: एसपी चौबे, अमित शहानी, अतुल त्रिपाठी को लिया गया है। मंडल के वाणिज्य प्रबंधक मीणा ट्रेन नंबर 12919-20 में चार डिब्बों में जांच करेंगे। इनके साथ सहायक वाणिज्य प्रबंधक भी रहेंगे। इन ट्रेन के अलावा 19301-02, 19331-32 19315-16, 1937-18 19323-24, 1337-38, 19337-38 नंबर की ट्रेन में जांच होगी। वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक सुनील कुमार मीणा 19331-32 नंबर की इंदौर-कोचुवली-इंदौर में जांच करेंगे।
इनके अलावा इंदौर देहरादुन, इंदौर पूरी हमसफर, बांद्रा गाजीपुर, इंदौर लिंगमपल्ली हमसफर, इंदौर यशवतपुर, दिल्ली रतलाम मुंबई दूरंतो, अवध एक्सपे्रस, दिल्ली मुंबई राजधानी एक्सपे्रस, निजामुद्ीन बांद्रा निजामुद्ीन अगस्त क्रंाति एक्सपे्रस, गणगौर एक्सपे्रस, पश्चिम एक्सपे्रस, मालवा एक्सपे्रस, गरीब रथ, गुजरात संपर्क क्रांति एक्सपे्रस, गोल्डन टेंपल मेंल एक्सप्रेस, जयपुर पुणे दूरंतो, इंदौर मुंबई दूरंतो सहित कुल 38 ट्रेन को शामिल किया गया है। पश्चिम रेलवे में इस मामले में आदेश सीसीएम कैटरिंग आलोक शर्मा ने जारी कर दिए है। रेलवे बोर्ड ने 12 जून को इस बारे में आदेश जारी किए थे।
इस जांच का मुख्य उद्देश्य पैंट्रीकार से यात्रियों को मिल रहे भोजन की गुणवत्ता की जांच करना, अवैध वेंडर पर लगाम लगाना है। रेलवे के वाणिज्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार इस दौरान अधिकारी यात्रियों से ये सवाल भी करेंगे कि पैंट्रीकार से खानपान लेने के बाद बिल दिया गया या नहीं। अगर बिल जारी नहीं हुआ है या अधिक दाम लिए गए है तो कार्रवाई के लिए वरिष्ठ कार्यालय को लिखा जाएगा।
रेलवे सदैव यात्रियों के हित के लिए कार्य करता है। यात्रियों को बेहतर खानपान उपलब्ध हो इसके लिए इस प्रकार की विश्ेाश ड्राइव चलती है। जांच के बाद इसके परिणाम सामने आएंगे।
– जेके जयंत, जनसंपर्क अधिकारी, रतलाम रेल मंडल