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आरपीएफ कह रही मत करो पथराव

locationरतलामPublished: Dec 25, 2017 06:18:19 pm

Submitted by:

harinath dwivedi

बच्चों को सिखा रहे ट्रेन पर पथराव न करने का पाठ

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रतलाम। पुलिस मतलब रौब तथा हाथ में लाठी। समाज में पुलिस की आमतौर पर यही छवि है, लेकिन रेल मंडल के मेघनगर में एक एेसे थी थानेदार यासिन मलीक है, जिन्होंने एक वर्ष से ट्रेन पर हो रहे पथराव की घटना की जड़ को न सिर्फ समझा, बल्कि उसको कम करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया। उन्होंने न सिर्फ घर-घर बल्कि प्राथमिक से लेकर माध्यमिक स्कूलों तक जाकर बच्चों को इस बारे में समझाइश दी कि चलती ट्रेन पर पथराव से क्या व किस तरह की परेशानी होती है। इसका नजीता ये है कि जनवरी से लेकर दिसंबर तक रतलाम से लेकर गोधरा तक ट्रेन में पथराव के मामले में काफी कमी आई है।

 

आरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि मंडल में बिलड़ी से लेकर अनास तक का सेक्शन सबसे अधिक संवेदनशील है। इस सेक्शन का जब आकलन किया तो ये सामने आया कि एक माह में कम से कम ५-६ घटनाएं ट्रेन पर पथराव की हो रही थी। इतना ही नहीं, एक पुलिसकर्मी की लूट की नियत से तड़के हत्या तक हो गई थी। एेसे में आरपीएफ के सामने दोहरी चुनौती थी।

 

स्वयं संभाला मोर्चा
वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार इसके बाद थाना प्रभारी मलिक ने अलग-अलग गांव में जाकर स्वयं चर्चा की पहल की। सबसे पहले उन्होंने जंगल में मवेशी चराने के लिए जाने वाले बच्चों से बात की। इस बारे में उन्होने बच्चों को बताया कि पहाड़ पर जाकर जो पत्थर फंैकते हो, ये भले उनके लिए मजे का खेल हो, लेकिन इससे गार्ड का सिर फट गया था। इसके अलावा इंजन का कांच टूट गया था। इतना ही नहीं मलिक प्रतिदिन अलग-अलग स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों के पास पहुंचे। यहां भी उन्होंने बच्चों से चर्चा की। इसका ही ये नतीजा है कि अब यहां पत्थरबाजी इस वर्ष गत वर्ष के मुकाबले काफी कम हो गई है।

इन गांव में पहुंचे
बिलड़ी, रावटी, भैरूगढ़, बामनिया, अमरगढ़, पंचपिपलिया, बजरंगगढ़, थांदला रोड, मेघनगर के अलावा अनास तक। इन गांव में स्कूलों व घरों में जाकर बच्चे व उनके अभिभावकों से चर्चा की गई। इसका ये फल मिला की गत वर्ष के मुकाबले इस वर्ष पथराव की संख्या काफी कम हुई है।

– कुमार निशांत, मंडल सुरक्षा आयुक्त, रतलाम रेल मंडल

आमतोर पर पुलिस के प्रति आमजन का जो सोच है, वह बदलाव की जरुरत है। पुलिस समाज में से ही कोई बनता है। जब लगातार पथराव होता नजर आया तो वरिष्ठ अधिकारियों के सहयोग से प्रयास किया है की यात्री की यात्रा सुखद व सुरक्षित हो।
– यासिन मलीक, मेघनगर बल प्रभारी, आरपीएफ

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