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Railway strike इंजन चलाने वालों ने तय की हड़ताल की तारीख, बंद हो जाएगी देश की सभी ट्रेन चलना, रेलवे बोली, जेल में डाल देंगे ट्रेन बंद की तो

locationरतलामPublished: Jul 14, 2019 11:05:19 am

Submitted by:

Ashish Pathak

रेलवे में इंजन को चलाने वाले चालक देशभर में हड़ताल पर जा रहे है। घबराकर रेलवे ने चेतावनी जारी कर दी है कि जो ट्रेन चलाना बंद करेगा, उसको जेल में डाल देंगे।

timetable of railway special trains

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रतलाम। अगर आप 17 जुलाई से ट्रेन में यात्रा करने की सोच रहे है तो ये खबर खास आपके लिए है। 16 जुलाई के अगले दिन से रेलवे में इंजन को चलाने वाले चालक देशभर में हड़ताल पर जा रहे है। घबराकर रेलवे ने चेतावनी जारी कर दी है कि जो ट्रेन चलाना बंद करेगा, उसको जेल में डाल देंगे। ट्रेन चलाने वाले लंबे समय से अपनी मांग को लेकर अलग-अलग दरवाजे पर जा रहे है, लेकिन उनको मानना तो दूर, अब तक सुनवाई तक नहीं हुई है। इन सब के बीच 15 व 16 जुलाई को भूखे रहकर ट्रेन चलाने का कार्य चालक करेंगे व 17 जुलाई से हड़ताल कर दी जाएगी।
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ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टॉफ एसोसिएशन द्वारा प्रस्तावित 17 जुलाई की रेल रोको आंदोलन व उसके पूर्व 15 से 16 जुलाई तक 24 घंटे की भूख हड़ताल के विरोध में रेलवे बोर्ड हो गया है। बोर्ड के स्थापना मामलों के निदेशक आलोक कुमार ने इसके लिए पश्चिम रेलवे सहित देशभर के जोन महाप्रबंधक को सूचना जारी की है। इसमे सख्त चेतावनी वाली भाषा का उपयोग करते हुए लिखा है कि अगर कोई आंदोलन करते हुए रेल रोके तो उसको रेलवे अधिनियम की धाराओं का उपयोग करते हुए बंद कर दिया जाए व उसकी सूचना बोर्ड तक दी जाए।
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मांग पर निर्णय ही नहीं कर रही

ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टॉफ एसोसिएशन के अनुसार किमी के भत्ते रिवाइज किए जाए, रनिंग कर्मचारियों की पेंशन पर सुनवाई हो, सेफ्टी कमेटी की सिफारिशों को लागू किया जाए, पूर्व की पेंशन व्यवस्था को लागू करते हुए नई पेंशन प्रणाण्ी बंद हो, कू्र बोर्ड की मांग अनुसार वर्र्किंग के घंटे तय किए आदि प्रमुख मांग है। इन मांग को लेकर लगातार मांग हो रही है, यहां तक की रेलवे ने ये भरोसा भी दे दिया कि इन पर विचार होगा, लेकिन वित्त कमेटी तो कुछ मांग पर निर्णय ही नहीं कर रही।
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इस धारा में कार्रवाई

रेलवे बोर्ड निदेशक कुमार ने जो सूचना जारी की है, उसके अनुसार रेलवे में जाम, रेल रोकने, भूख हड़ताल करने पर रेलवे अधिनियम 1989 की धारा 173, 174, 175 के अंतर्गत कार्रवाई होगी। यदि रेल कर्मी हड़ताल में शामिल हुए तो उन्हें ‘नो वर्क नो पेÓ के दायरे में रखा जाएगा और 2 वर्ष की सजा भी हो सकती है। 17 जुलाई से होने वाली अनिश्चितकालीन हड़ताल में रेलकर्मी शामिल हुए तो उन्हें दो साल की सजा भी हो सकती है। नोटिस रेलवे की ओर से कर्मचारियों को मिलना शुरू हो गया है।
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आंदोलन से डरती

पूर्व की सरकारों के समय भी आंदोलन हुए है। लेकिन इस प्रकार के आदेश से ये साफ है कि ये सरकार लोकतंत्र में आंदोलन से डरती है। इस प्रकार के आदेश से किसी को डरने की जरुरत नहीं है। यूनियन ताकत से कर्मचारियों के साथ खड़ी है।
प्रकाश व्यास, प्रवक्ता, वेस्टर्न रेलवे एम्प्लाइज यूनियन

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