रेलवे स्वच्छता अभियान को लेकर लगातार कई तरह के नवाचार से लेकर अन्य प्रयोग कर रहा है। इसी कड़ी में कुछ दिन पूर्व थूकने वालों के लिए पिकदान लाने की बात की गई थी। हालांकि फिलहाल रेल मंडल में इसकी शुरुआत नहीं हुई है, लेकिन गंदगी करने वालों केप्रति रेलवे ने सख्त रुप अपनाया हुआ है। रेल मंडल की ही बात करें तो वाणिज्य विभाग व आरपीएफ ने अलग-अलग अभियान स्टेशन से लेकर यात्री ट्रेन व रेल क्षेत्र को गंदा करने वालों के खिलाफ चलाया हुआ है। इस अभियान का असर यह हुआ कि स्टेशन पर अब गंदगी करने से पहले यात्रियों में भय हो गया है। इसके बाद भी जो लोग ट्रेन सहित रेल क्षेत्र में गंदगी कर रहे है, उनके खिलाफ दंड लगाया जा रहा है।
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विवाद भी करते हैं यात्री
रेल मंडल के आला अधिकारियों के अनुसार गंदगी करने वाले यात्रियों से दंड वसूलना इतना आसान भी नहीं रहता है। कई बार ट्रेन में कचरा करने वाले यात्री दंड देने के नाम पर विवाद भी करते है। एक कागज ही तो डाला है जैसे शब्द का उपयोग करते है। इतना ही नहीं, ट्रेन में डाला गया कचरा को उठाकर चलती ट्रेन से खिड़की के रास्ते बाहर भी डाल देते है। इतना ही नहीं, प्लेटफॉर्म पर यात्री सवाल कर देते है कि उन्होंने कचरा डाला इसका क्या सबूत है, ऐसे में वाणिज्य विभाग या आरपीएफ को कहना पड़ता है कि उन्होंने सीसीटीवी कैमरे में देखा है। इसके बाद ही कार्रवाई के लिए आए है।
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फैक्ट फाइल
विभाग – कुल प्रकरण – वसूला गया दंड
आरपीएफ – 3757 – 480900 रुपए
वाणिज्य – 790 – 123900
कुल – 4547 – 603900
स्वच्छता की आदत डाले- मंडल रेल प्रबंधक
जब व्यक्ति अपने घर को साफ रखता है तो ट्रेन या रेल क्षेत्र को भी अपना घर समझकर साफ रखें तो जुर्माना करने की जरुरत ही नहीं आए। सभी को स्वच्छता की आदत डालना ही होगी।
– विनीत कुमार मंडल रेल प्रबंधक
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