शहर में नगर निगम की पेयजल वितरण व्यवस्था बारिश के दौरान परेशानी बनती जा रही है। दरअसल, बारिश के जल जमाव के बीच पाइप लाइन का क्षतिग्रस्त होना और बिजली बंद होने का असर पेयजल वितरण के शेड्यूल पर फिर से होने लगा है। धोलावाड़ में पर्याप्त जल संग्रहण के बाद शहर को भेजे जाने वाली पानी की पाइप लाइन भी जगह जगह से क्षतिग्रस्त हो रही है। इससे पानी का दबाव कम बन रहा है। धोलावाड़ और मोरवानी मेें बिजली फाल्ट होने की स्थिति बनते ही वितरण बाधित हो रहा है। बीते दो दिनों से शहर में पेयजल की आपूर्ति समय पर नहीं हो पा रही है। शनिवार को सुबह के समय दिया जाने वाला पेयजल रात 9 से 11 बजे के बीच दिया। निगम मुनादी कराने की औपचारिकता पूरी की, लेकिन लोग देर तक इंतजार करते रहे।
दूसरे दिन भी समय पर नहीं बंटा पानी
रविवार को भी हाट रोड, राजेन्द्र नगर सहित गौशाला टंकी के कुछ इलाकों में समय पर पेयजल नहीं बांटा गया। दोपहर में वितरण की संभावना थी, लेकिन नलों में पानी नहीं आया। निगम के अधिकारियों की माने तो टंकी भरने में वक्त लगने के कारण पेयजल वितरण में देरी हो रही है। सोमवार से शेष इलाकों में शेड्यूल अनुसार ही वितरण होगा।
नलों से आने लगा मटमैला पानी
बारिश के जल जमाव के कारण निगम की पाइप लाइन वाले इलाकों में मटमैला पानी आने की शिकायत भी बढ़ रही है। कई इलाकों में सप्लाई के शुरूआती 10 से 15 मिनट तक मटमैला पानी आ रहा है। जल प्रदाय विभाग की माने तो निगम की पाइप लाइन से घरेलू लाइन लेने के दौरान ध्यान नहीं रखा जा रहा है। कई स्थानों पर लोगों की निजी लाइन गड्ढों और गंदे पानी वाले इलाकों में है, इससे नल में मटमैला पानी आ जाता है।
रविवार को भी हाट रोड, राजेन्द्र नगर सहित गौशाला टंकी के कुछ इलाकों में समय पर पेयजल नहीं बांटा गया। दोपहर में वितरण की संभावना थी, लेकिन नलों में पानी नहीं आया। निगम के अधिकारियों की माने तो टंकी भरने में वक्त लगने के कारण पेयजल वितरण में देरी हो रही है। सोमवार से शेष इलाकों में शेड्यूल अनुसार ही वितरण होगा।
नलों से आने लगा मटमैला पानी
बारिश के जल जमाव के कारण निगम की पाइप लाइन वाले इलाकों में मटमैला पानी आने की शिकायत भी बढ़ रही है। कई इलाकों में सप्लाई के शुरूआती 10 से 15 मिनट तक मटमैला पानी आ रहा है। जल प्रदाय विभाग की माने तो निगम की पाइप लाइन से घरेलू लाइन लेने के दौरान ध्यान नहीं रखा जा रहा है। कई स्थानों पर लोगों की निजी लाइन गड्ढों और गंदे पानी वाले इलाकों में है, इससे नल में मटमैला पानी आ जाता है।