रतलाम

जाने ऐसा क्या हुआ की राजधानी हुई लेट: बदले मार्ग से चलने से बढ़ी यात्रियों की मुसीबत

जाने ऐसा क्या हुआ की राजधानी हुई लेट: बदले मार्ग से चलने से बढ़ी यात्रियों की मुसीबत

रतलामFeb 15, 2019 / 05:30 pm

Yggyadutt Parale

जाने ऐसा क्या हुआ की राजधानी हुई लेट: बदले मार्ग से चलने से बढ़ी यात्रियों की मुसीबत

रतलाम. राजस्थान में चल रहे गुर्जर आंदोलन की वजह से रेलवे ने अनेक ट्रेन को बदले मार्ग से चलाया है। बदले मार्ग से चल रही ट्रेन अब यात्रियों के लिए मुसिबत का कारण बन रही है। बुधवार-गुरुवार की रात को दिल्ली से १० बजे चली दिल्ली मुंबई राजधानी ट्रेन करीब १४ घ्ंाटे देरी से रतलाम पहुंची। ट्रेन में सवार यात्रियों के अनुसार न नाश्ता दिया गया न भोजन दिया जा रहा है। ट्वीट करने के बाद भी मदद नहीं मिल रही है।

दिल्ली से ट्रेन नंबर १२९५२ दिल्ली रतलाम मुंबई राजधानी ट्रेन का चलने का समय शाम को ४.५० बजे का है। आमतोर पर ये ट्रेन रात को १२ बजकर ८ मिनट पर आती है। इन दिनों चल रहे गुर्जर आंदोलन की वजह से इस ट्रेन को बदले मार्ग से चलाया जा रहा है। इसके चलते जिस ट्रेन को बुधवार-गुरुवार की मध्यरात्रि में रतलाम आना था, वो गुरुवार दोपहर २ बजकर ५७ मिनट पर करीब १४ घ्ंाटे देरी से पहुंची।

ये हुआ ट्रेन में यात्रियों के साथ
ट्रेन में सवार यात्रियों के अनुसार रात में ११ बजे भोजन दिया गया। भोजन के नाम पर सिर्फ दाल चांवल परोसे गए। इसके अलावा न मिष्ठान दिया गया न पूर्व में सूप। यहां तक भी ठीक था, सुबह नाश्ता नहीं दिया गया। बाद में जब यात्रियों ने विरोध किया तो सभी को एक-एक समोसा दे दिया गया। इसके बाद दोपहर में भोजन की मांग होने पर फिर से दाल-चावल दे दिए गए।

इसलिए गलत है रेलवे का ये व्यवहार

असल में राजधानी ट्रेन के टिकट में प्रत्येक यात्री से रेलवे चाय, काफी, पानी, नाश्ता, भोजन का व्यय पहले से जोड़ लेती है। एेसे में रेलवे भोजन या नाश्ता देने से इंकार कर ही नहीं सकती। बदले मार्ग से आने की वजह से ये सारी गड़बड़ हो रही है। ये सब राजधानी ट्रेन में हो रहा हो एेसा नहीं है, इस तरह के हाल अगस्त क्रंाति एक्सपे्रस में भी हो रहा है।

कोई जवाब तक नहीं दिया

दिल्ली से रतलाम तक राजधानी ट्रेन में काफी बुरा अनुभव रहा। न समय पर नाश्ता मिला न भोजन। भोजन के लिए तो यात्रियों को विरोध करना पड़ा, तब जाकर दाल चावल दे दिए गए। रेलवे को इस और ध्यान देना चाहिए।
– देवेंद्र वाधवा, बी-२ में सवार रेल यात्री

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