अजब-गजब एमपी : यहां सीएम से मिलना आसान, कलेक्टर से मिलना मुश्किल
शासकीय कार्य में व्यवधान का हवाला देकर कलेक्टोरेट में बिना पूर्व सूचना के ज्ञापन नहीं लेने एवं दो अफसर निर्धारित करने के आदेश को रतलाम कलेक्टर कुमार पुरूषोत्तम ने संशोधित कर दिया है। गुरूवार को कलेक्टर ने एक वीडियो संदेश जारी कर अपनी सफाई दी और नई व्यवस्था में बदलाव की सूचना जनसंपर्क विभाग के माध्यम से जारी कर दी। अब कलेक्टोरेट में मौजूद कोई भी अधिकारी ज्ञापन ले सकेगा तो निर्धारित संख्या में आने पर किसी तरह की अनुमति की आवश्यकता भी नहीं होगी।
VIDEO : प्रदर्शन करते बेहोश हुई छात्रा, केबिन से नहीं निकले 'बेदर्द' कलेक्टर, निकाला अजीब आदेश ज्ञापन लेने पर कथित पाबंदी मालूम हो कि रतलाम कलेक्टर ने 7 मार्च को एक आदेश के जरिए कलेक्टोरेट में ज्ञापन लेने के लिए तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार को नियुक्त करते हुए बिना पूर्व अनुमति के आने पर ज्ञापन लेने पर कथित पाबंदी लगा दी थी। अब कलेक्टर ने इसमें संशोधन करते हुए निर्धारित संख्या में आने पर अनुमति संबंधी प्रावधान हटा दिया है तो यह भी कहा है कि अब कलेक्टर कार्यालय में मौजूद कोई भी अधिकारी सक्षम अधिकार के तहत ज्ञापन ले सकता है, अब भीड़ के रूप में आने के दौरान ही पूर्व सूचना संंबंधी प्रावधान पर अमल होगा।
video रतलाम में गुंडे अज्जू शेरानी पर रासुका की कार्रवाई, महिलाओं ने पुलिस थाना घेराजमकर हो रहा था विरोध ट्वीट पर भी जमकर ट्रोल कलेक्टर कुमार पुरूषोत्तम ने बिना अनुमति ज्ञापन पर रोक और दो अफसर संबंधी प्रावधान को लेकर ट़्वीट भी किया था। उनके इस आदेश के ट्वीट पर यूजर्स ने जमकर विरोध किया। वहीं, शहर विधायक सहित भाजपा और कांग्रेस के नेताओं ने भी इसे बेतुका आदेश बताते हुए साफ कहा कि अधिकारी जनता से नहीं मिलेंगे तो कैसे कार्य कर पाएंगे।
करीब दो साल बाद अब इन ट्रेनों में यात्री कर सकेंगे जनरल टिकिट पर यात्रा पत्रिका ने प्रमुखता से उठाया मुद्दा जनता के अधिकार को प्रावधानों में बांधने वाले आदेश पर पत्रिका ने 10 मार्च के अंक में प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया तो शाम को कलेक्टर कुमार पुरूषोत्तम ने अपना संशोधित आदेश का वीडियो जारी कर दिया। जनसंपर्क विभाग कार्यालय रतलाम ने बकायदा इस वीडियो के साथ लोगों की सुनवाई करना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।