अभियोजन उप संचालक एसके जैन ने बताया कि रायपुरिया गावं निवासी एक परिवार ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उनकी 15 वर्षीय बेटी दिनांक 17 जुलाई 2017 को प्रात: सात बजे लेट्रिन करने जाने का कहकर बाहर निकली थी। काफी देर तक वापस नहीं आने पर उसकी तलाश गांव में तथा रिश्तेदारी में की गई। कोई पता नहीं चलने पर उसी दिन से गांव का अनिल पिता सुखराम मचार भी गायब था। इस पर शंका करते हुए अवयस्क बालिका को बहला-फुसलाकर अपहरण कर ले जाने का प्रकरण 21 जुलाई 2017 को दर्ज कराया था। पुलिस ने विवेचना के बाद दिनांक 21 अगस्त 2017 को एक बजे अभियोक्त्री को कांकरोली से बरामद किया था। उसने पूछताछ में बताया था कि आरोपी अनिल पिता सुुखराम मचार उम्र 23 एक साथ स्कूल में पढ़ते हैं। तीन वर्ष पहले से आरोपी से उसकी बातचीत थी। अभियोक्त्री के घरवालों को पता चलने पर उन्होंने बातचीत करने के लिए मना कर दिया था। उसके बाद भी आरोपी युवक जबरन बातचीत करता था।
दिनंाक 17 जुलाई 2017 के दिन के 7 बजे आरोपी अभियोक्त्री से कहा घर से किसी भी तरह इसरथूनी में आकर मिले। इस पर अभियोक्त्री इसरथूनी गई, जहां आरोपी मिला। वह उसे बहला-फुसलाकर पैदल बाबा रामदेव दर्शन करने ले गया। जहां पर 10-12 दिन तक एक झोपड़ी बनाकर रखा और उसके मना करने पर भी जबरदस्ती दुष्कर्म किया। वह शादी के लिए भी टालता रहा। रामदेवरा से ग्राम कांकरोली राजस्थान लेकर आ गया। वहीं भी जबरन दुष्कर्म किया। अभियोक्त्री की सूचना पर पिता सहित परिवार वहां पहुंचा और उसे लेकर रतलाम आए। पुलिस ने आरोपी युवक के खिलाफ अपहरण, दुष्कर्म और पास्को एक्ट में प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की थी।
कोर्ट ने आरोपी युवक को धारा 376(2)(आई)(एन) व धारा 6 लैगिंक अपराधो से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत 10 वर्ष सश्रम कारावास व 200 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। वहीं धारा 363 व 366 के तहत 3 वर्ष सश्रम कारावास व 100 रुपए जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है।