यह है मामला
गौरतलब है कि करीब चार वर्ष पूर्व 27 सितम्बर 2014 को अज्ञात आरोपियों ने नगर निगम में तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस नेत्री यास्मीन शैरानी पर फायर किए थे। इस घटना के बाद शहर में तनाव व्याप्त हो गया था और शहर बन्द हो गया था। इसी दौरान पांच आरोपियों ने मौके का फायदा उठाते हुए रोडवेज बस स्टैण्ड पर पंहुचकर बजरंग दल के कार्यकर्ता कपिल राठौड की दुकान पर हमला कर दिया था। इस वारदात में आरोपियों ने कपिल राठौड पर रिवाल्वर से कई फायर किए थे। दुकान पर काम करने वाले एक युवक पुखराज के गले पर छूरे से वार किए गए थे। कपिल राठौड के छोटे भाई विक्रम राठौड पर भी गोलियां दागी गई थी। इस घटना में कपिल और पुखराज की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी,जबकि कपिल का भाई विक्रम गंभीर रुप से घायल हो गया था। इस हत्याकाण्ड के बाद पूरे शहर में कफ्र्यू लगा दिया गया था। पूरे एक महीने तक शहर में कफ्र्यू लगा रहा और आम लोगों का जीवन अस्त व्यस्त हो गया था।
पुलिस ने कपिल और पुखराज की हत्या के प्रकरण में कुल नौ आरोपियों को नामजद किया था। इनमें से आठ आरोपी गिरफ्तार हो चुके है,जबकि एक आरोपी मुतल्लिफ अब तक फरार है। अभियोजन के अनुसार,हत्याकाण्ड के मुख्य आरोपी हैदर पिता इमदाद शैरानी,रिजवान पिता रमजानी शैरानी,मुसैफ उर्फ कप्तान पिता इरफान शैरानी,नासिर उर्फ निसार अली पिता निजाम अली ने इस हत्याकाण्ड को अंजाम दिया था। ये चार आरोपी,फरार आरोपी मुतल्लिफ के साथ दो मोटर साईकिलों पर सवार होकर कपिल की दुकान पर पंहुचे थे। पुलिस ने इन पांच आरोपियों के अलावा हत्याकाण्ड में अप्रत्यक्ष तौर पर शामिल रहे चार अन्य व्यक्तियों जाहिद पिता गुलाम मोहम्मद,याहया पिता कासम खां शैरानी,मूसा खान पिता अब्दुल करीम और सैफूल्ला पिता रमजानी खां शैरानी को भी गिरफ्तार किया था। इनमें से जाहिद ने आरोपियों को बाइक उपलब्ध कराई थी,जबकि याहया ने रिवाल्वर उपलब्ध कराया था। इसी तरह अन्य दो आरोपियों ने भी छूरा और रिवाल्वर उपलब्ध कराए थे।
शहर में किसी भी प्रकार से कानून व्यवस्था न बिगड़े, इसीलिए पुरानी बातों को ध्यान में रखकर पुलिस बल की सख्ती की गई है। कोर्ट में आने जाने वाले की तलाशी ली जा रही और संदिग्ध इलाकों में पुलिस बल तैनात किया गया है। जिससे कोई अप्रिय घटना न हो।