scriptरात के ढाई बजे जब डीआरएम ने पुछा-मास्टर चाय मिलेगी क्या | ratlam drm latest hindi news | Patrika News

रात के ढाई बजे जब डीआरएम ने पुछा-मास्टर चाय मिलेगी क्या

locationरतलामPublished: Jan 14, 2018 11:08:13 am

Submitted by:

harinath dwivedi

औचक निरीक्षण में पहुंचे बांगरोद, पटरी-पटरी पैदल पहुंचे गैंगमेन के पास

indian railway
रतलाम। रात के करीब 2.30 बजे का समय था। तापमान करीब 7 डिग्री टैम्पे्रचर। इतने में धीमी गति से आई हुई एक सफेद रंग की कार बांगरोद रेलवे स्टेशन रुकी। उसमें से गहरे रंग का कोट, शर्ट व पेंट पहले एक शख्स उतरा। हाथ में कार में से एक लठ्ठ लिया। टॉर्च की रोशनी में पटरी-पटरी चलना शुरू किया। कुछ कदम पर ट्रैकमैन मिले। उनको रोका, कहां जा रहे हो, कहां की ड्यूटी है आदि सवाल। जब ट्रैकमैन ने सवाल किया भाई साहब-आपको पता नहीं है क्या, ट्रैक पर चलना गुनाह है, और इतनी रात को क्या कर रहे हो, घर जाओ, आराम करो। तो जो जवाब मिला, वह ट्रैकमैन के लिए अप्रत्याशित था। सामने वाले शख्स ने कहा, अरे पहचाना नहीं क्या, मैं आपका डीआरएम सुनकर। इसके बाद डीआरएम ने स्टेशन मास्टर को भी फोन लगाया व कहा की मास्टर चाय मिलेगी क्या, आ हा हूं कुछ मिनट में।
indian railway
ये पहला अवसर नहीं है जब इस प्रकार से रेलवे का कोई अधिकारी अचानक बगैर बोले आधी रात को ट्रैक पर गए हो। डीआरएम आरएन सुनकर के पूर्व हाल ही में रेलवे बोर्ड चैयरमेन अश्विन लौहानी जहां छत्तीसगढ़ में ट्रैक पर पहुंच गए थे तो रेलमंत्री पीयूष गोयल रात करीब ३ बजे मुंबई के उपनगर चर्चगेट पर सादे कपड़ों में एक उपस्टेशन प्रबंधक को लेकर पहुंचे थे। इतना ही नहीं, मंडल मुख्यालय पर वरिष्ठ परिचालन प्रबंधक पवन कुमारसिंह व वरिष्ठ कार्मिक इंजीनियर कमल चौधरी भी अनेक बार इस प्रकार की जांच करने पहुंचे है। रेलवे में डीआरएम सुनकर के इस तरह जाने के मामले की काफी चर्चा है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार कुछ दिन पूर्व भी डीआरएम सुनकर बगैर बताए इस प्रकार से रेलवे स्टेशन पर पहुंचे है। यहां तक की जब रविवार को अवकाश के दिनों में आमतौर पर अधिकारी अवकाश करते है, तब डीआरएम किसी भी स्टेशन पर निरीक्षण को पहुंच जाते हैं।
indian railway
गर्म चाय पी ओर हुई वापसी

बताया जाता है कि बाद में ट्रैकमैन को साथ लेकर बांगरोद रेलवे स्टेशन मास्टर के कमरे में डीआरएम सुनकर गए। बाद में ट्रैकमैन को भी गर्म चाय पिलवाई। इसके बाद ट्रैकमैन व मास्टर को बेहतर काम करने की सलाह देकर डीआरएम वापस आ गए।
indian railway
ये जांच का हिस्सा है

ये सामान्य बात है। औचक जांच से वास्तविकता पता चलती है। जब मेरा ट्रैकमैन आधी रात को ट्रैक की रक्षा करता है तो मुझे लगता है उसकी हिम्मत बढ़ाने के लिए मुझे भी जाना चाहिए।
आरएन सुनकर, मंडल रेल प्रबंधक, रतलाम रेल मंडल

indian railway
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो