दो दिन पूर्व बांटा अन्य जिलों को अब रतलाम के कृषक लगा रहे वितरण केंद्र पर यूरिया के लिए चक्कर।
(फोटो कैप्शन: पांच तो किसी को 20-20 बोरी खाद देने लेकर किसान और कर्मचारी भीड़े।)
रतलाम। दो दिन पहले जहां धार, उज्जैन जिले के कृषकों को रतलाम से खाद वितरण किया जा रहा था, वहीं आज जिले के कृषकों को खाद की किल्लत झेलना पड़ रही है। शुक्रवार को कृषि उपज मंडी स्थित एमपी एग्रो के नगद रासायानिक खाद विक्रय केंद्र पर यूरिया खत्म हो गया। किसानों परेशान होते रहे, तो एक किसान ने वितरण केंद्र पर उपस्थित कर्मचारी से एक किसान को पांच तो दूसरे किसान 20 बोरी देने का विरोध भी किया।
गत दिनों वितरण केंद्र पर 255 टन की रेक लगी थी, जो अब खत्म हो चुकी है। पिछले दो-तीन दिनों से अन्य जिलों के कृषक यहां से रसीद कटवाकर यूरिया ले जा रहे थे। एमपी एग्रो के खाद विक्रेता विजय पांचाल का कहना है कि खाद खत्म हो गया है। दो-तीन दिन बाद अगली रेक लगेगी तब वितरण किया जाएगा। हर किसान को पांच बोरी खाद यूरिया उपलब्ध कराया है अगर अधिक चाहिए तो उसके साथ एक 123260 और सुपर लेना होगा। जिन कृषकों ने ली उन्हे 20 बोरी तक यूरिया दिया गया। किसानों की माने तो ओपन बाजार में यूरिया 360 रुपए प्रति बोरी मिल रहा है। नामी कम्पनी का 400 रुपए तक दिया जा रहा है।
मैं क्यो ले जाऊ डीएपी
करमदी के कृषक राजेश राज पुरोहित ने जब 5 से अधिक बोरी यूरिया की मांग की तो, उन्हे वितरण केंद्र के कर्मचारी ने मना कर दिया। पुरोहित ने बताया कि मुझे 123216 व सुपर की जरुरत नहीं है, मंै क्यों लूं। अन्य किसानों को 20-20 बोरी दी जा रही है, जो गलत है। यूरिया की जरुरत है और वह नहीं दे रहे हैं। न ही यहां कौन सा खाद उपलब्ध है और क्या भाव का है, सूचि भी नहीं लगा रखी है। कई किसान आकर खाली हाथ चले गए। जब जिले की पूर्ति नहीं हो रही है तो अन्य जिलों के कृषक को खाद क्यों बांटा जा रहा है। जिले के किसानों को भी पावती के मान से खाद बांटा जाए।
सोसायटी सदस्य को एक बोरी
भुवासा से आए कृषक धर्मेंद्रसिंह राठौड़ ने बताया कि गांव की सोसायटी में सदस्य को एक बीघा पर एक बोरी खाद दिया जा रहा है। यहां आए तो खाद खत्म हो गया। जबकि जिले के कृषक परेशान है। दूसरे किसानों को 20-20 बोरी खाद दिया जा रहा है।
खाद खत्म हो गया
ग्राम कनवासा से आए अनिलसिंह कनवास ने कहा कि पांच बोरी खाद चाहिए, लेकिन साब का कहना है कि खाद खत्म हो गया है, दो दिन बाद रेक लगेगी तो लेने आना। सोयाबीन लेकर आए थे, खाली जा रहे थे खाद ले जाते। अब फिर चक्कर लगाना पड़ेगा।